गुजरात: मोरबी शहर में माच्छू नदी पर बने (हैंगिंग ब्रिज) के टूटने से मरने वालों की संख्या बढ़कर 140 हो गई है। इस बीच,इस घटना को लेकर विभिन्न सियासी दल अपनी-अपनी रोटियां सेंकने मे लगे हुये हैं। आपको बता दें कि विपक्षी कांग्रेस और आम आदमी पार्टी जहां गुजरात सरकार पर सवाल उठा रही हैं वहीं भाजपा का कहना है कि हादसे पर सियासत ओछी राजनीति का संदेश है । राज्य सरकार का कहना है कि दोषी बख्शे नहीं जाएंगे। लेकिन माहौल चुनावी होने के कारण भाजपा की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही हैं क्योंकि मृतकों का बढ़ता आंकड़ा और लोगों की नाराजगी भाजपा के लिए नुकसानदेह है ।
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उधर,गुजरात के गृह राज्य मंत्री ने बताया है कि बचावकर्मी लोगों की तलाश कर रहे हैं जो लापता बताए जा रहे हैं। उन्होंने पत्रकारों से कहा, ‘माच्छू नदी में बचाव अभियान अंतिम चरण में हैं, यह जल्द ही खत्म हो जाएगा। ताजा जानकारी के अनुसार इस हादसे में 140 लोगों की जान चली गयी है कुछ लोग अभी भी लापता हैं।’’ सांघवी ने कहा कि पुल ढहने की घटना की जांच के लिए पांच सदस्यीय उच्चाधिकार समिति का गठन किया गया है। इसमें सड़क एवं भवन विभाग के सचिव संदीप वसावा और चार अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं।
वहीं लोग इस हादसे को लेकर मौजूदा सरकार से नाराज हैं उनका कहना है कि यह पुल करीब एक सदी पुराना था और मरम्मत एवं नवीनीकरण कार्य के बाद इसे आमजन के लिए पांच दिन पहले ही खोला गया था। सवाल ये उठ रहा है कि 7 महीनें पहले रिनोवेशन के लिए बंद हुए पुल को बगैर फिटनेस सर्टिफिकेट के क्यों खोला गया ? हालांकि खबर है कि कंपनी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है। आपको बता दें कि मार्च 2022 में मोरबी की ओरेवा ग्रुप (अजंता मेन्युफेक्चरिंग प्राइवेट लिमिटेड) को पुल के रखरखाव का कॉन्ट्रैक्ट दिया गया था।
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उस वक्त वहां पर मौजूद प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि अंग्रेज़ों के समय का यह (हैंगिंग ब्रिज) जिस समय टूटा,उस समय उस पर कई महिलाएं और बच्चे मौजूद थे। एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि कुछ लोगों को पुल पर कूदते और उसके बड़े तारों को खींचते हुए देखा गया था। उन्होंने कहा कि हो सकता है कि पुल उस पर (लोगों की भारी भीड़) के कारण टूट कर गिर गया हो।