देहरादून: राजधानी में एचआईवी संक्रमित रोगियों की बढ़ती तादाद ने सबको हैरत में डाल दिया है। एच आई वी संक्रमितों की बढ़ती तादाद चिंता का विषय है। उत्तराखण्ड की राजधानी देहरादून और कुमाऊं मंडल में नैनीताल जिले की स्थिति खासी चिंता पैदा करने वाली है। लेकिन थोड़ा सुकून देने वाली बात यह है कि पिछले आठ साल में एचआईवी जांचों में संक्रमण दर कम होती जा रही है।
गौरतलब है कि देहरादून में पिछले आठ सालों में 2929 एचआईवी संक्रमित मिले हैं। इस अवधि में पूरे राज्य में 6937 मरीज मिले हैं। देहरादून में साल 2018-19 में एचआईवी के 469 मरीज मिले थे।
ये एक साल में अब तक वहां मिले सबसे ज्यादा एचआईवी संक्रमित मरीज हैं। वहीं उत्तराखण्ड में दूसरे नंबर पर हरिद्वार जिला है। हरिद्वार में बीते आठ साल में एचआईवी के 1151 मरीज मिले हैं। इधर कुमाऊं में नैनीताल जिले में एचआईवी संक्रमितों की संख्या अब तक सबसे ज्यादा दर्ज की गई है।
नैनीताल जिले में पिछले आठ साल में 1145 मरीज एचआईवी के मिले हैं। इस साल अभी तक अप्रैल से लेकर अक्तूबर तक जिले में 196 एचआईवी संक्रमित मिले हैं। अगर हम स्वास्थ्य विभाग की बात करें तो नैनीताल जिले में एचआईवी के बढ़ रहे मरीजों का एक कारण नशे के लिए किए जाने वाले इंजेक्शनों का इस्तेमाल भी है।