देहरादून: आईएुएस और सस्पेंड किये गये हरिद्वार के पूर्व डीएफओ किशन चंद की गिरफ्तारी विजिलेंस के चैलेंज बनी हुई थी। आपको बता दें कि पूर्व डीएफओ ने अपनी गिरफ्तारी से बचने के लिए अखाड़े की शरण ली थी लेकिन विजलेंस भी कहां मानने वाली थी। विजलेंस ने हरिद्वार पुलिस की मदद से एक ओर उनके घर पर कुर्की का नोटिस चस्पा कर दबाव बनाया था वहीं पश्चिमी यूपी के जिलों में दबिश भी दी गई थी।
किशन चंद की लोकेशन गाजियाबाद में मिली तो टीम तत्काल गाजियाबाद रवाना की गई। कल गाजियाबाद के वैशाली स्थिति मैक्स अस्पताल परिसर से उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। किशन चंद उत्तराखंड के चर्चित और कांग्रेस पार्टी के बेहद नजदीकी रहे रिटायर्ड आईएफएस अधिकारी हैं। उन पर बतौर डीएफओ रहने के दौरान कॉर्बेट टाइगर रिजर्व की कालागढ़ रेंज के मोरघट्टी और पाखरो में अवैध तरीके निर्माण कराने, हरे पेड़ों के कटान, सरकारी धन के दुरुपयोग और फर्जी बिल बनाकर ठेकेदारों को भुगतान करने के आरोप हैं।
आरोपों के मामले में शासन ने उनको निलंबित कर दिया था। हल्द्वानी विजिलेंस इस मामले की जांच कर रही थी और विजिलेंस कोर्ट से उनकी गिरफ्तारी के गैर जमानती वारंट जारी किए गए थे। जैसा कि आपको मालूम है कि किशन चंद हरिद्वार जिले के रहने वाले हैं विजिलेंस की ओर से हरिद्वार पुलिस से भी किशन की गिरफ्तारी की मदद मांगी गई थी।
हरिद्वार पुलिस और एलआईयू उनकी गिरफ्तारी के लिए उनके घर की निगरानी कर रही थी। किशन चंद के घर और स्टोन क्रशर की कुर्की की मुनादी कराए जाने के बाद हरिद्वार पुलिस भी उनके संभावित ठिकानों पर दबिश दे रही थी। उनके घर ज्वालापुर और पथरी स्थित उनके स्टोन क्रशर की कुर्की के बीते दिन मुनादी कर नोटिस चस्पा किए गए थे।