समुद्री बंदर छोटे, आकर्षक जीव हैं। वे खुद को क्रिप्टोबायोसिस नाम की खास अवस्था में पहुंचाकर चरम हालात से बच सकते हैं। उनकी तीन आंखें होती हैं और वे अपने पैरों से सांस लेते हैं । जो उन्हें वास्तव में बेमिसाल जलीय जानवर बनाता है। समुद्री बंदर केवल पालतू जानवर ही नहीं हैं उनका उपयोग वैज्ञानिक अनुसंधान में भी किया जाता है। समुद्री बंदर या सी मंकी छोटे लेकिन आकर्षक जीव हैं वे बच्चों और बड़े दोनों का ही ध्यान खींचते हैंं । वे एक प्रकार के नमकीन झींगे हैं, जिन्हें वैज्ञानिक रूप से आर्टेमिया सलीना के रूप में जाना जाता है ये छोटे जीव तब जीवित हो जाते हैं जब आप उनके अंडों में पानी डालते हैं, जो सालों तक निष्क्रिय रह सकते हैं। पहली बार 1950 के दशक में ‘ इंस्टेंट पेट’ के रूप में उनकी मार्केटिंग की गई थी’ तब से वे एक लोकप्रिय विज्ञान प्रयोग और नवीनता वस्तु बने हुए हैं। सी मंकी या समुद्री बंदर 1957 में हेरोल्ड वॉन ब्रौनहुत के दिमाग की उपज थे ।
उन्होंने सरल, देखभाल में आसान पालतू जानवरों की अपील को पहचाना और चींटी फार्म की सफलता पर निर्माण किया । उनका इरादा एक ऐसा प्रोडक्ट बनाना था जिसे सिर्फ पानी से जीवित किया जा सके, और सी.मंकीज बच्चों और बड़ों दोनों में तुरंत लोकप्रिय हो गए। जिसमें उन्हें चतुराई से दिए गए नाम सी मंकी की बड़ी भूमिका थी। सी.मंकी में क्रिप्टोबायोसिस की हालत में जाने की बहुत ही खास काबिलियत होती है। इसमें। उनके अंडे लंबे समय तक चरम कुदरती माहौल का सामना कर सकते हैं। क्रिप्टोबायोसिस के कारण अंडे कई सालों तक निष्क्रिय और ‘ मृत’ जैसे होते हैं, लेकिन पानी में डालने पर वे फिर से जीवित हो जाते हैं।
पानी में डालने पर,बेजान सी मंकी अंडे लगभग तुरंत फूटने लगते हैं। जो छोटे जीव निकलते हैं उन्हें नॉप्लिअस लार्वा के तौर पर जाना जाता है, और 8-10 हफ्तों के दौरान, ये लार्वा पूरी तरह से परिपक्व वयस्कों में विकसित होते हैं। इस दौरान उन्हें बढ़ते और बदलते देखना सीः मंकी को पालने वालो के लिए खुशी का कारण होता है समुद्री बंदरों की सबसे असामान्य जैविक विशेषताओं में से एक यह है कि वे अपने पैरों से सांस लेते हैं। इस प्रक्रिया को शाखा श्वसन कहा जाता है, जहां वे पानी से ऑक्सीजन को अवशोषित करने के लिए अपने पैरों का इस्तेमाल करते हैं। ढलने की यह आकर्षक काबिलियत कई जलीय आर्थ्रोपोड्स में आम है।
सी-मंकी केवल एक आंख के साथ पैदा होते हैं। जैसे-जैसे वे बड़े होते हैं, उनकी दो और आंखें विकसित होती हैं, जिससे उनकी कुल संख्या तीन हो जाती है । यह अनोखा विकास उन्हें जानवरों के साम्राज्य में उन कुछ अनूठे जीवों में से एक बनाता है जिनके पास यह अनोखी नेत्र व्यवस्था है। सी-मंकी बहुत ही फोटोटैक्टिक होते हैं। इसका मतलब है कि वे प्रकाश की ओर आकर्षित होते हैं। आप उनके टैंक के पास टॉर्च जलाकर और उन्हें टैंक में प्रकाश की ओर तैरते हुए देखकर इसका परीक्षण कर सकते हैं। आकर में केवल 2 इंच के ये जीव 2 से 3 महीने तक जिंदा रहते हैं। इतना ही नहीं, ये बिना गुरुत्व महौल में भी पनप सकते हैं