
देहरादून : सचिवालय सभागार में उत्तराखंड जल विद्युत निगम लिमिटेड (यूजेवीएनएल) की 126वीं बोर्ड बैठक का आयोजन मुख्य सचिव आनंद बर्धन की अध्यक्षता में किया गया। यह बैठक राज्य की जल विद्युत परियोजनाओं की वर्तमान स्थिति, भावी लक्ष्यों और संस्थान के समग्र कार्यों की समीक्षा के दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण रही। बैठक में निगम की आगामी रणनीतियों, बजट अनुमोदन और कई प्रमुख परियोजनाओं पर विस्तार से चर्चा की गई।
वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए निगम के पावर हाउसों से कुल 5212 मिलियन यूनिट विद्युत उत्पादन का लक्ष्य तय किया गया है। यह लक्ष्य ऊर्जा उत्पादन के क्षेत्र में उत्तराखंड को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक ठोस कदम माना जा रहा है। बैठक में पिछले वित्तीय वर्ष 2024-25 में निगम द्वारा निर्धारित की परफॉर्मेंस इंडिकेटर्स (KPI) के सापेक्ष की गई उपलब्धियों की भी समीक्षा की गई। इसके आधार पर आने वाले वित्तीय वर्ष के लिए नए लक्ष्य निर्धारित किए गए, जो निगम की कार्यक्षमता और गुणवत्ता में सुधार की दिशा में मार्गदर्शक सिद्ध होंगे।
बैठक में सिरकारी – भयोल – रूपसिया बगड़ जल विद्युत परियोजना को लेकर एक बड़ा निर्णय लिया गया, जिसके तहत इसके सिविल पैकेज को हाइड्रो पैकेज के साथ जोड़कर संचालित करने की स्वीकृति दी गई। यह समावेश परियोजना कार्यान्वयन को अधिक संगठित और कुशल बनाएगा। इसके साथ ही उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग में रिव्यू पिटीशन दायर किए जाने का भी अनुमोदन प्रदान किया गया, जो नियामक प्रक्रियाओं में पारदर्शिता और पुनरीक्षण की दिशा में एक जरूरी पहल है।
बैठक में मद्महेश्वर जल विद्युत परियोजना की समयसीमा में विस्तार की स्वीकृति भी दी गई। यह परियोजना राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में सतत विकास और ग्रामीण विद्युतीकरण को गति देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। मनेरी भाली परियोजना के सर्वेक्षण कार्यों को और अधिक तकनीकी रूप देने के लिए रिमोट ऑपरेटेड व्हीकल (ROV) से सर्वेक्षण कराए जाने का निर्णय लिया गया, जिससे परियोजना स्थल की भौगोलिक और जल संबंधी स्थितियों का सूक्ष्म अध्ययन संभव हो सकेगा।
एक अन्य महत्वपूर्ण निर्णय के तहत यह तय किया गया कि 100 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली निविदाओं के लिए भी वही निविदा प्रपत्र उपयोग में लाया जाएगा जो 20 करोड़ से 100 करोड़ रुपये की परियोजनाओं के लिए पूर्व में स्वीकृत हैं। यह कदम निविदा प्रक्रिया को अधिक सरल, त्वरित और व्यावहारिक बनाने की दिशा में लिया गया है।
बैठक में निगम के कार्मिक प्रबंधन से जुड़े पहलुओं पर भी निर्णय लिए गए। विशेष रूप से 30 जून अथवा 31 दिसंबर को सेवा से सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों को राष्ट्रीय वेतन वृद्धियों (नेशनल इंक्रीमेंट) का लाभ प्रदान करने की स्वीकृति दी गई। इसके अतिरिक्त, शासन द्वारा निर्गत पदोन्नति में शिथिलीकरण नियमावली को भी अंगीकार किया गया, जिससे कर्मचारियों को पदोन्नति के अवसर प्राप्त होंगे और संस्थान में कार्य संतोष में भी वृद्धि होगी।
इस महत्वपूर्ण बैठक में इंडिपेंडेंट निदेशक इंदु कुमार पांडेय, पराग गुप्ता और सी एम वासुदेव, प्रमुख सचिव ऊर्जा आर. मीनाक्षी सुंदरम, सचिव वित्त दिलीप जावलकर, अपर सचिव ऊर्जा रंजना राजगुरु, तथा यूजेवीएनएल के प्रबंध निदेशक संदीप सिंघल सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी एवं बोर्ड सदस्य उपस्थित रहे।
यह बैठक न केवल निगम के वित्तीय एवं परियोजना संबंधी निर्णयों की दृष्टि से अहम रही, बल्कि इससे यह संकेत भी स्पष्ट रूप से मिला कि राज्य सरकार जल विद्युत परियोजनाओं के माध्यम से प्रदेश की ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने और आर्थिक विकास को गति देने के लिए प्रतिबद्ध है।