
देहरादून : उत्तराखंड में मानसून का प्रभाव धीरे-धीरे तेज होता जा रहा है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने राज्य के कई जिलों में 22 जून से 26 जून के बीच भारी वर्षा की चेतावनी जारी की है। मौसम विभाग के अनुसार देहरादून, नैनीताल, टिहरी और चंपावत जिलों के कुछ स्थानों पर भारी से भारी वर्षा की संभावना है, जिसे देखते हुए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है।
वहीं पौड़ी, हरिद्वार, ऊधमसिंह नगर, चम्पावत, अल्मोड़ा और बागेश्वर जिलों में तेज बारिश के लिए येलो अलर्ट प्रभावी रहेगा।मौसम विभाग ने यह भी बताया है कि इस दौरान प्रदेश के कुछ इलाकों में 40 से 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चल सकती हैं, जिससे पेड़ गिरने, बिजली आपूर्ति बाधित होने और यातायात प्रभावित होने की आशंका बनी हुई है।
प्रशासन अलर्ट मोड पर
इस मौसम पूर्वानुमान को गंभीरता से लेते हुए उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (यूएसडीएमए) के अधीन राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (SEOC) ने सभी प्रभावित जिलों के जिलाधिकारियों (DMs) को पत्र भेजा है। इसमें संबंधित विभागों और अधिकारियों को अलर्ट रहने, तैयारियों को पूर्ण रखने तथा आपात स्थिति से निपटने के निर्देश दिए गए हैं।
यूएसडीएमए द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार:
भूस्खलन संभावित मार्गों पर पहले से ही जेसीबी और अन्य आवश्यक उपकरणों की तैनाती की जाए।
किसी भी प्रकार की आपात स्थिति से निपटने हेतु आईआरएस सिस्टम के अधिकारी और विभागीय नोडल अधिकारी अलर्ट पर रहें।
आवश्यकता अनुसार संवेदनशील इलाकों में यातायात नियंत्रित किया जाए ताकि जनहानि न हो।
सभी राजस्व उप निरीक्षक, ग्राम विकास अधिकारी और ग्राम पंचायत अधिकारी अपने तैनाती क्षेत्र में मौजूद रहें ताकि किसी भी आपदा की सूचना और राहत तुरंत दी जा सके।
28 जून तक वर्षा का बना रहेगा सिलसिला
मौसम विभाग ने आगे बताया कि 28 जून तक पूरे राज्य में रुक-रुक कर भारी वर्षा का दौर चलता रहेगा, जो विशेष रूप से पर्वतीय क्षेत्रों में अधिक प्रभावी होगा। नदियों का जलस्तर बढ़ने, भूस्खलन, और जलभराव की स्थिति बनने की आशंका है।
जनसाधारण के लिए सुझाव
पहाड़ी क्षेत्रों की यात्रा करने से पहले स्थानीय प्रशासन और मौसम विभाग की ताजा रिपोर्ट देखें।
नदियों, नालों के किनारे रहने वाले लोग सतर्क रहें और जरूरत पड़ने पर ऊँचे स्थानों की ओर जाएं।
भारी बारिश में अनावश्यक यात्रा से बचें, विशेषकर रात्रि में।
किसी भी आपदा की स्थिति में तुरंत स्थानीय प्रशासन या आपदा नियंत्रण केंद्र को सूचित करें।
राज्य सरकार और आपदा प्रबंधन विभाग ने जनता से संयम बरतने और सरकारी दिशानिर्देशों का पालन करने की अपील की है। लगातार बदलते मौसम के मिजाज को देखते हुए सुरक्षा की दृष्टि से एहतियात बरतना ही सबसे बेहतर विकल्प है।