
बदायूं : सदर कोतवाली क्षेत्र में सोमवार सुबह एक भयावह हादसा हो गया। शहर के गांधी मैदान में चल रहे नुमाइश मेले में अचानक भीषण आग लग गई, जिससे मेले में लगी करीब 20 से अधिक दुकानें चपेट में आ गईं। आग की लपटें इतनी तेजी से फैलीं कि कुछ ही मिनटों में दुकानें जलकर राख हो गईं। दुकानों में रखे गैस सिलिंडर विस्फोट के साथ फटने लगे, जिससे पूरे इलाके में दहशत फैल गई और अफरातफरी मच गई।
सुबह के समय मेले में बहुत अधिक भीड़ नहीं थी, फिर भी वहां मौजूद दुकानदार और कुछ स्थानीय ग्राहक अचानक भड़की आग को देखकर घबरा गए। सिलिंडर फटने की आवाजें दूर तक सुनाई दीं और घटनास्थल पर भगदड़ जैसी स्थिति बन गई। कई महिला दुकानदार भावुक होकर रो पड़ीं, जिनका वर्षों पुराना व्यवसाय इस आग की चपेट में आ गया।
घटना की सूचना मिलते ही दमकल विभाग की कई गाड़ियाँ मौके पर पहुंचीं। दमकल कर्मियों ने करीब दो घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर नियंत्रण पाया। आग की तीव्रता को देखते हुए आसपास की अन्य दुकानों को भी खाली कराया गया, ताकि कोई और हानि न हो। आग बुझाने के बाद भी कई दुकानों से धुआं उठता रहा और राख के ढेर में तब्दील हो चुकी दुकानों का मंजर बेहद दर्दनाक था।
घटना की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन भी सक्रिय हो गया। एडीएम प्रशासन अरुण कुमार, एसपी सिटी विजयेंद्र द्विवेदी, एसडीएम सदर मोहित सिंह और सीओ सिटी रजनीश उपाध्याय घटनास्थल पर पहुंचे और नुकसान का आकलन किया। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, आग में क्रॉकरी, खिलौने, कपड़े और अन्य घरेलू सामान की दुकानें पूरी तरह जलकर नष्ट हो गई हैं। हालांकि, आग लगने के पीछे का कारण अभी स्पष्ट नहीं हो पाया है। शॉर्ट सर्किट या लापरवाही को संभावित कारण माना जा रहा है, लेकिन इसकी पुष्टि जांच के बाद ही हो सकेगी।
प्रशासन ने कहा है कि प्रभावित दुकानदारों की मदद की जाएगी और नुकसान का आकलन कर मुआवजे की प्रक्रिया जल्द शुरू की जाएगी। साथ ही भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचाव के लिए सुरक्षा मानकों की समीक्षा और सख्ती से पालन सुनिश्चित किया जाएगा। स्थानीय लोगों और सामाजिक संगठनों ने भी राहत कार्यों में सहयोग देना शुरू कर दिया है। मेले में लगी आग ने एक बार फिर भीड़भाड़ वाले आयोजनों में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।