
देहरादून: उत्तराखंड में भारी बारिश ने एक बार फिर जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। निजमुला घाटी के गाड़ी गांव में मंगलवार रात को मूसलाधार बारिश के कारण भारी नुकसान हुआ है। गांव का मुख्य पैदल मार्ग पूरी तरह ध्वस्त हो गया है, जिससे आवाजाही बाधित हो गई है। साथ ही बिजली और पानी की आपूर्ति भी पूरी तरह से ठप हो गई है। बिरही-निजमुला सड़क भी काली चट्टान और तौली तोक के पास मलबा आने से अवरुद्ध हो गई है, हालांकि जिला प्रशासन ने तत्परता दिखाते हुए सड़क को खोलने का कार्य शुरू करवा दिया है।
गाड़ी गांव में हुई बारिश से सबसे ज्यादा क्षति हुई है। मुख्य मार्ग के ध्वस्त होने से नेत्र सिंह के मकान पर भी खतरा मंडरा रहा है, क्योंकि यह मार्ग मकान के ठीक ऊपर से गुजरता है। इसके अतिरिक्त, गांव की पेयजल लाइन का मुख्य स्रोत भी क्षतिग्रस्त हो गया है। तोली, ननाली और नेवा तोक को जोड़ने वाली पेयजल लाइनें भी टूट गई हैं, जिससे इलाके में पेयजल संकट गहराता जा रहा है। साथ ही तोली तोक के पास पेड़ गिरने से 33 केवी की विद्युत लाइन भी क्षतिग्रस्त हो गई, जिसके चलते निजमुला घाटी के 13 से अधिक गांवों में बिजली आपूर्ति पूरी तरह से बाधित हो गई है।
उधर, चमोली जिले के सेरा गांव में भी मंगलवार रात की बारिश ने कहर ढाया। दो गौशालाओं को नुकसान हुआ है और कई घरों में मलबा घुस गया है। घटना की सूचना मिलते ही जिलाधिकारी संदीप तिवारी के निर्देश पर तहसील प्रशासन की टीम मौके पर पहुंच गई है और नुकसान का आकलन कर रही है। जिलाधिकारी ने प्रभावित परिवारों को तत्काल राहत देने और जोखिम वाले क्षेत्रों से ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित करने के निर्देश दिए हैं।
मौसम विज्ञान विभाग के हाइड्रोमेट डिवीजन (नई दिल्ली) ने राज्य के लिए बाढ़ का पूर्वानुमान जारी किया है। इसके बाद राज्य आपातकालीन केंद्र ने सभी जिलाधिकारियों को पत्र भेजकर अलर्ट रहने और सुरक्षा उपायों को सख्ती से लागू करने के निर्देश दिए हैं। 24 घंटे के भीतर अल्मोड़ा, बागेश्वर, चमोली, चंपावत, देहरादून, नैनीताल, पौड़ी गढ़वाल, पिथौरागढ़, रुद्रप्रयाग, टिहरी और उत्तरकाशी में भारी बारिश के चलते जलभराव और बाढ़ जैसी स्थिति बनने की चेतावनी दी गई है।