
देहरादून: उत्तराखण्ड राज्य में न्यायिक प्रणाली को अधिक प्रभावी, त्वरित और सुलभ बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल के तहत जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, देहरादून द्वारा एक विशेष लोक अदालत का आयोजन किया जा रहा है। यह विशेष लोक अदालत दिनांक 2 अगस्त 2025 को प्रातः 10:00 बजे से सायं 5:00 बजे तक ऋण वसूली अधिकरण, देहरादून में आयोजित की जाएगी। इस लोक अदालत का उद्देश्य ऋण वसूली से संबंधित मामलों का सौहार्दपूर्ण, त्वरित और आपसी समझौते के आधार पर निस्तारण करना है।
यह आयोजन मा० राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली के निर्देशों एवं मा० उत्तराखण्ड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, नैनीताल के तत्वाधान में संपन्न किया जा रहा है, जो इस बात को दर्शाता है कि न्यायिक संस्थाएं आम जनता को राहत पहुंचाने हेतु व्यावहारिक और लोकहितकारी उपायों को प्रोत्साहित कर रही हैं।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, देहरादून की सचिव श्रीमती सीमा डुँगराकोटी ने जानकारी देते हुए बताया कि ऋण वसूली अधिकरण (डीआरटी) का गठन विशेष रूप से बैंकों और वित्तीय संस्थानों के बकाया ऋणों की वसूली के लिए किया गया है। यह एक न्यायिक निकाय है, जो ऋण से जुड़े विवादों का समाधान करने हेतु कानूनी रूप से अधिकार प्राप्त है। उन्होंने बताया कि विशेष लोक अदालत के माध्यम से ऐसे विवादों का निपटारा आपसी सहमति से किया जा सकता है, जिससे समय की बचत होती है, न्यायिक प्रक्रिया सरल होती है और महंगी कोर्ट फीस से भी राहत मिलती है।
इस लोक अदालत का एक और प्रमुख लाभ यह है कि इसमें न तो पक्षकारों को लंबी न्यायिक प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है और न ही निर्णय पर संदेह की कोई गुंजाइश रहती है, क्योंकि फैसला आपसी सहमति और समझौते के आधार पर लिया जाता है। यह व्यवस्था विशेष रूप से उन ऋणदाताओं और कर्जदारों के लिए अत्यंत उपयोगी है जो न्यायिक प्रक्रिया में उलझे बिना अपने विवादों का समाधान चाहते हैं।
प्राधिकरण ने वादी और प्रतिवादी दोनों पक्षों से अनुरोध किया है कि जो भी व्यक्ति अपने ऋण संबंधी मामले को इस विशेष लोक अदालत में निपटाना चाहते हैं, वे दिनांक 01 अगस्त 2025 तक किसी भी कार्य दिवस में ऋण वसूली अधिकरण, देहरादून में स्वयं या अपने अधिवक्ता के माध्यम से आवेदन पत्र दाखिल कर सकते हैं। ऐसा कर वे अपने मामले को नियत करवा सकते हैं और विशेष लोक अदालत के माध्यम से इसका लाभ उठा सकते हैं।
विशेष लोक अदालत का यह प्रयास न केवल अदालतों के बोझ को कम करने की दिशा में एक सार्थक कदम है, बल्कि यह आम जनता को शीघ्र, सरल और न्यायसंगत समाधान उपलब्ध कराने का भी एक प्रभावशाली माध्यम है। इससे कर्जदारों और ऋणदाताओं के बीच विश्वास बहाली भी संभव होती है, जिससे आर्थिक व्यवस्था में भी स्थायित्व आता है।
इस आयोजन को सफल बनाने के लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने व्यापक प्रचार-प्रसार की व्यवस्था की है और संबंधित बैंकों, वित्तीय संस्थाओं तथा अधिवक्ताओं को भी इस प्रक्रिया में भाग लेने का आग्रह किया गया है, ताकि अधिक से अधिक लंबित मामलों का समाधान हो सके और दोनों पक्ष राहत महसूस कर सकें।