
देहरादून : देहरादून -ऋषिकेश मोटर मार्ग पर एक बड़ा सड़क हादसा उस समय हो गया जब नीलकंठ महादेव मंदिर में जलाभिषेक के लिए जा रहे कांवड़ियों से भरा एक ट्रक अनियंत्रित होकर पलट गया। यह दुर्घटना सात मोड़ के समीप दुर्गा माता मंदिर के पास घटी, जहां सड़क संकरी और तीव्र मोड़ के कारण अक्सर वाहन चालकों को सावधानी बरतनी पड़ती है। इस ट्रक में कुल 28 कांवड़िए सवार थे, जिनमें ट्रक चालक भी शामिल था। सभी कांवड़िए हरियाणा के कैथल जिले से नीलकंठ महादेव मंदिर में जल चढ़ाने के लिए आ रहे थे।
हादसे की सूचना मिलते ही आसपास के स्थानीय लोग सबसे पहले मदद के लिए घटनास्थल पर पहुंचे और उन्होंने तत्काल कोतवाली पुलिस को हादसे की जानकारी दी। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर राहत और बचाव कार्य शुरू किया और घायलों को बाहर निकालने में स्थानीय लोगों की सहायता ली। घायल कांवड़ियों को प्राथमिक उपचार हेतु 108 आपातकालीन सेवा की एंबुलेंस और सरकारी चिकित्सालय की अन्य एंबुलेंस से एसपीएस राजकीय अस्पताल ऋषिकेश भेजा गया।
डॉक्टरों के अनुसार, घायलों में से तीन कांवड़ियों की स्थिति गंभीर बनी हुई है। उन्हें बेहतर चिकित्सा सुविधा हेतु हायर सेंटर एम्स ऋषिकेश रेफर कर दिया गया है। बाकी कांवड़ियों को हल्की-फुल्की चोटें आई हैं, जिनका इलाज एसपीएस राजकीय अस्पताल में चल रहा है। चिकित्सकों ने बताया कि सभी की स्थिति स्थिर है और किसी को जीवन का खतरा नहीं है।
प्रशासन की ओर से घटना की जानकारी मिलने के बाद स्थानीय अधिकारियों ने भी अस्पताल पहुंचकर घायलों का हाल जाना और चिकित्सा सेवाओं की व्यवस्था का जायजा लिया। हादसे के कारणों की जांच की जा रही है, लेकिन प्रारंभिक जानकारी के अनुसार ट्रक तीव्र मोड़ पर असंतुलित हो गया, जिससे यह पलट गया। यह मार्ग वैसे भी पर्वतीय क्षेत्र का होने के कारण दुर्घटनाओं की दृष्टि से संवेदनशील माना जाता है, और श्रावण मास के दौरान जब भारी संख्या में कांवड़िए यात्रा पर होते हैं, तो यातायात का दबाव और भी बढ़ जाता है।
घटना के बाद आसपास के क्षेत्रों में भी हड़कंप मच गया। लोग कांवड़ यात्रा की सुरक्षा व्यवस्थाओं को लेकर सवाल उठाने लगे हैं। हालांकि पुलिस और प्रशासन द्वारा मौके पर पहुंचकर त्वरित राहत कार्य किए गए, जिससे किसी बड़ी अनहोनी को टालने में मदद मिली। पुलिस प्रशासन ने बताया कि दुर्घटनाग्रस्त ट्रक को क्रेन की सहायता से हटाया जा रहा है और मार्ग को फिर से सुचारू बनाने का प्रयास किया जा रहा है। साथ ही, अन्य कांवड़ियों को सुरक्षित गंतव्य तक पहुंचाने की भी व्यवस्था की गई है।
यह हादसा एक बार फिर बताता है कि पर्वीय यात्राओं के दौरान अतिरिक्त सावधानी और प्रशासनिक सतर्कता की आवश्यकता होती है, खासकर ऐसे मार्गों पर जहां पहले से ही सड़कें सकरी और खतरनाक मोड़ों से भरी होती हैं। प्रशासन की ओर से यात्रियों से अपील की गई है कि वे अधिक भीड़ वाले वाहनों में यात्रा न करें और पूरी तरह से फिट वाहनों का ही प्रयोग करें। कांवड़ यात्रा आस्था का विषय है, लेकिन सुरक्षा के साथ की जाए तो यह यात्रा सुरक्षित और सफल दोनों बन सकती है।