
देहरादून: गढ़वाल मंडल में बुधवार को परिवहन महासंघ के आह्वान पर व्यापक चक्का जाम रहा। देहरादून और पर्वतीय क्षेत्रों की यूनियनों के समर्थन से यह आंदोलन और भी असरदार बन गया। ऋषिकेश सहित कई जगहों पर परिवहन ठप रहा, सड़कों पर वाहनों की आवाजाही लगभग पूरी तरह रुकी रही। व्यावसायिक वाहनों पर दो साल के टैक्स की छूट और फिटनेस सेंटर शुरू करने सहित कई मांगों को लेकर ट्रांसपोर्टर सुबह से ही विरोध पर डटे रहे। यात्रियों को आवाजाही में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा, वहीं कई इलाकों में बस अड्डे और टैक्सी स्टैंड सुनसान नजर आए।
कर्णभूमी टैक्सी यूनियन के अध्यक्ष मदन मोहन नवानी ने बताया कि हड़ताल का निर्णय चालकों पर छोड़ा गया है, लेकिन अधिकांश चालकों ने हड़ताल में भाग लिया। जय माँ जिलासू चंडीका टैक्सी यूनियन के अध्यक्ष देवेंद्र सिंह कंडारी ने भी आंदोलन को पूरा समर्थन देने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा के कमजोर सीजन से चालकों की आर्थिक स्थिति पहले ही प्रभावित है, ऐसे में टैक्स में राहत जरूरी है। ट्रांसपोर्टरों ने मांग की कि ऋषिकेश स्थित आरटीओ कार्यालय में बनाया गया फिटनेस सेंटर जल्द शुरू किया जाए और व्यावसायिक वाहनों पर टैक्स वृद्धि का नियम समाप्त किया जाए।
नई टिहरी में भी हड़ताल का असर व्यापक रहा। शहर के जीप, टैक्सी, बस और ट्रक यूनियन के सदस्य सड़कों से पूरी तरह गायब रहे। बस अड्डा और टैक्सी स्टैंड पर सन्नाटा पसरा रहा। यदि कोई डग्गामार वाहन चलने की कोशिश करता, तो यूनियन से जुड़े लोग उसे रोक देते। लोगों को कामकाज के लिए घरों से बाहर निकलने में दिक्कतें हुईं।
इससे पहले टिहरी गढ़वाल मोटर ओनर्स यूनियन (टीजीएमओ) कार्यालय में विभिन्न यूनियनों की बैठक में आंदोलन का फैसला लिया गया था। बैठक में ट्रक, डंपर, विक्रम, ऑटो, ई-रिक्शा, बस यूनियनों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। अध्यक्ष जितेंद्र नेगी ने बताया कि बीते सोमवार को देहरादून में परिवहन सचिव से वार्ता में कुछ आश्वासन मिले थे, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। ट्रांसपोर्टर गजेंद्र नेगी ने कहा कि ट्रकों की भार क्षमता बढ़ाने को लेकर पहले भी आश्वासन मिला था, लेकिन समस्या आज तक हल नहीं हुई।गढ़वाल ट्रक एसोसिएशन के अध्यक्ष दिनेश बहुगुणा और बिजेंद्र कंडारी ने कहा कि प्रदेश सरकार ट्रांसपोर्टरों की अनदेखी कर रही है। सभी यूनियनों की सहमति के बाद संयोजक संजय शास्त्री ने 29 अक्तूबर को एक दिवसीय चक्का जाम की घोषणा की।
बैठक में एआरटीओ (प्रशासन) रावत सिंह कटारिया और एआरटीओ (प्रवर्तन) रश्मि पंत भी पहुंचे और ट्रांसपोर्टरों से वार्ता की। अधिकारियों ने बताया कि उनकी 10 सूत्रीय मांगों में से लगभग 80 प्रतिशत मांगों का समाधान मुख्यालय स्तर पर किया जा रहा है। उन्होंने आरटीओ परिसर में वाहनों की फिटनेस जांच दोबारा शुरू करने, वाहन स्वामियों को एक साल का टैक्स माफ करने और आपदा में अधिग्रहित वाहनों का किराया बढ़ाने जैसी मांगों पर शासन को प्रस्ताव भेजने का भरोसा दिया।हालांकि, यूनियन प्रतिनिधियों ने कहा कि जब तक सभी मांगों पर लिखित आदेश जारी नहीं होता, आंदोलन जारी रहेगा। शाम तक कई क्षेत्रों में ट्रांसपोर्टर डटे रहे और लोगों से समर्थन की अपील करते रहे।





