
देहरादून: मोहब्बेवाला क्षेत्र शुक्रवार सुबह जोरदार धमाके जैसे हादसे से दहल उठा, जब लगभग 8:30 बजे मोहंड की तरफ से आ रहे तेज रफ़्तार ट्रक ने अचानक नियंत्रण खोते हुए करीब छह गाड़ियों को जोरदार टक्कर मार दी। सीमेंट से भरे इस ट्रक की रफ्तार इतनी अधिक थी कि एक के बाद एक कई वाहन इसकी चपेट में आते चले गए। हादसे के बाद ट्रक सड़क किनारे बने नाले में एक ओर झुक गया और उसका एक पहिया अंदर धंस गया। गनीमत रही कि इस खौफनाक हादसे में कोई गंभीर रूप से घायल नहीं हुआ, हालांकि कई दुकानें क्षतिग्रस्त हो गईं और मौके पर अफरा-तफरी का माहौल बन गया।
तेज रफ्तार में एक्सप्रेसवे से प्रवेश करते समय अनियंत्रित हुए ट्रक ने तीन-चार कारों और एक विक्रम टेंपो सहित कुल छह वाहनों को जोरदार टक्कर मारी। हादसे के तुरंत बाद इलाके में दहशत फैल गई और आसपास के लोग मदद के लिए दौड़ पड़े। ट्रक के नाले में झुकने के बाद उससे डीजल का रिसाव शुरू हो गया, जिससे आग फैलने की आशंका पैदा हो गई। स्थिति को देखते हुए मौके पर पुलिस, यातायात पुलिस और प्रशासन के अधिकारी तुरंत पहुंच गए। फायर ब्रिगेड की टीम बुलाकर इलाके की घेराबंदी की गई और डीजल को फैलने से रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाए गए। करीब ढाई घंटे चले राहत और बचाव कार्य के बाद सड़क को फिर से यातायात के लिए खोल दिया गया।
पुलिस जांच में सामने आया कि हादसे की मुख्य वजह ट्रक चालक को आया नींद का झोंका और तेज रफ़्तार थी। चालक के अनुसार, उसे अचानक नींद की झपकी आई और उसी समय उसने सामने से आ रहे एक ट्रक को बैक होते देखा, जिसके कारण उसने अपना नियंत्रण खो दिया। तेज गति में नियंत्रण खोने के चलते ट्रक का पहिया नाले में चला गया और ट्रक एक तरफ झूल गया, जिससे नाले की दीवार भी टूट गई। दमकल टीम ने आग की आशंका को देखते हुए तत्काल रिसाव रोकने और इलाके को सुरक्षित करने का काम किया। सीओ सदर अंकित कंडारी, एसपी ट्रैफिक लोकजीत सिंह सहित कई अधिकारी मौके पर पहुंचे और घटनास्थल पर राहत कार्यों की निगरानी की गई।
यह इलाका दुर्घटनाओं के मामले में लगातार चिंता का कारण बनता जा रहा है। मोहब्बेवाला में एक्सप्रेसवे एंट्री प्वाइंट वह जगह है जहां तेज रफ्तार में शहर में प्रवेश कर रहे वाहन अक्सर नियंत्रण खो देते हैं। स्थानीय लोगों और यातायात पुलिस के अनुसार, पिछले डेढ़ साल में इस एरिया में आधा दर्जन से ज्यादा बड़े हादसे हो चुके हैं, जिनमें जानें भी गई हैं और कई लोग घायल भी हुए हैं। विशेषज्ञों और स्थानीय लोगों का मानना है कि इस एंट्री गेट पर सख्त स्पीड लिमिट, ब्रेकर, चेतावनी संकेत और निगरानी व्यवस्था लागू किए बिना हादसों पर अंकुश लगाना मुश्किल है। प्रशासन से इस क्षेत्र में सुरक्षा बढ़ाने और हादसों को रोकने के लिए तत्काल कदम उठाने की मांग की जा रही है।
हादसे के बाद एक बार फिर यह सवाल उठ खड़ा हुआ है कि आखिर कब तक तेज रफ्तार वाहन इस इलाके को खतरे में डालते रहेंगे और कब यातायात सुरक्षा व्यवस्था यहां मजबूत की जाएगी। फिलहाल राहत की बात यही है कि बड़ा हादसा टल गया, लेकिन इस घटना ने भविष्य में और मजबूत सुरक्षा उपायों की जरूरत पर जोरदार चेतावनी दे दी है।




