
अल्मोड़ा : जिला अस्पताल में मरीजों को बेहतर चिकित्सा सुविधाएँ उपलब्ध कराने के लिए लगातार पहल और प्रयास कर रहे सामाजिक कार्यकर्ता संजय पाण्डे ने स्वास्थ्य सेवाओं में उल्लेखनीय बदलाव लाकर एक नई मिसाल पेश की है। उनकी पहल पर न केवल अस्पताल में नया कक्ष बनाया गया, बल्कि वर्षों से बंद पड़े ऑडियोमैट्री विभाग को पुनर्जीवित कर फिर से शुरू किया गया। इससे सुनने से संबंधित समस्याओं से जूझ रहे सैकड़ों मरीजों को बड़ी राहत मिलने लगी है।
संजय पाण्डे का योगदान केवल यहीं तक सीमित नहीं रहा। उनके प्रयासों की बदौलत अल्मोड़ा जिला अस्पताल में लेप्रोस्कोपिक सर्जरी की सफल शुरुआत हुई है। अब हर सप्ताह लगभग छह ऑपरेशन नियमित रूप से किए जा रहे हैं। इससे गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए मरीजों को हल्द्वानी, देहरादून या अन्य शहरों की ओर जाने की मजबूरी काफी हद तक कम हो गई है।
नाक, कान और गले से संबंधित एंडोस्कोपिक ऑपरेशनों की सुविधा भी अब अल्मोड़ा में उपलब्ध हो चुकी है, जो पहले यहां संभव नहीं थी। इसके साथ-साथ कान के पर्दे बदलने की आधुनिक एंडोस्कोपिक तकनीक भी अब अस्पताल में सफलतापूर्वक अपनाई जा रही है। इससे सर्जरी की गुणवत्ता और सुरक्षा में बड़ा सुधार हुआ है और मरीजों की रिकवरी भी ज्यादा तेज होती है।
महिला अस्पताल में वर्षों से बंद पड़ी सर्जिकल सेवाओं को भी संजय पाण्डे की पहल पर फिर से शुरू कराया गया है। वहीं एक्स-रे मशीन का आवश्यक पार्ट अस्पताल पहुँच चुका है और तकनीकी टीम के आते ही मशीन पुनः चालू हो जाएगी। इसके अलावा नई डिजिटल एक्स-रे मशीन, आधुनिक ऑडियोमैट्री उपकरण और कलर डॉपलर मशीन के प्रस्ताव भी संजय पाण्डे ने विभागीय उच्च अधिकारियों के माध्यम से भेजे हैं, जो मंज़ूरी की प्रक्रिया में हैं।
इन सभी उपलब्धियों में सबसे उल्लेखनीय बात यह है कि किसी भी मुद्दे पर न आंदोलन हुआ, न धरना, न विरोध—यह सब केवल एक सामाजिक कार्यकर्ता की ईमानदार निष्ठा, संवेदनशीलता और जनसेवा की भावना से संभव हुआ है। संजय पाण्डे इन सफलताओं का श्रेय अपने दिवंगत माता-पिता और ईश्वर की कृपा को विनम्रता से समर्पित करते हैं।
अल्मोड़ा की स्वास्थ्य सेवाओं को एक नई दिशा और गति देने में संजय पाण्डे का समर्पण और दूरदर्शिता शामिल है। उनके प्रयासों ने यह साबित कर दिया कि सच्ची नीयत और दृढ़ संकल्प के साथ बिना मंच, नारे और भीड़ के भी जनता के हित में बड़ा बदलाव लाया जा सकता है।




