
देहरादून/नई दिल्ली : प्रदेश के सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज ने भारत–नेपाल सीमा पर बहने वाली शारदा (महाकाली) नदी पर निर्माणाधीन शारदा बैराज के कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने स्पष्ट कहा कि यह परियोजना केवल सिंचाई और जल प्रबंधन की दृष्टि से ही नहीं, बल्कि सीमा क्षेत्र के आर्थिक विकास, व्यापारिक सुगमता और आपदा प्रबंधन के लिहाज से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है।
नई दिल्ली में नेपाल के राजदूत डॉ. शंकर प्रसाद शर्मा से शिष्टाचार भेंट के दौरान मंत्री सतपाल महाराज ने दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और कूटनीतिक संबंधों का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत–नेपाल की मित्रता को और मजबूत करने में संयुक्त जल परियोजनाएं अहम भूमिका निभा सकती हैं। बैठक में भारतीय भूमि पत्तन प्राधिकरण (LPAI) के निदेशक लेफ्टिनेंट कर्नल समीर जाफरी, अवर सचिव भूपेंद्र सिंह रावत तथा नेपाल मिशन के उप प्रमुख डॉ. सुरेंद्र थापा भी उपस्थित रहे।
शारदा बैराज को लेकर अहम निर्देश
सिंचाई मंत्री ने कहा कि शारदा नदी पर बन रहा बैराज उत्तराखंड के सीमावर्ती जिलों के लिए जीवनरेखा साबित होगा। इससे न केवल सिंचाई क्षमता में वृद्धि होगी, बल्कि बाढ़ नियंत्रण, जल वितरण की स्थिरता और स्थानीय आबादी की सुरक्षा भी सुनिश्चित होगी। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि निर्माण कार्य में आ रही तकनीकी और प्रशासनिक बाधाओं को शीघ्र दूर कर निर्धारित समयसीमा के भीतर परियोजना को पूरा किया जाए।
बनबसा बैराज की स्थिति पर चिंता
बैठक के दौरान मंत्री सतपाल महाराज ने बनबसा बैराज की वर्तमान स्थिति पर भी गंभीर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि यह बैराज अपनी निर्धारित आयु पूरी कर चुका है, ऐसे में इसकी संरचनात्मक मजबूती की गहन समीक्षा आवश्यक है। मंत्री ने सुझाव दिया कि या तो बैराज की रिट्रोफिटिंग (संरचनात्मक सुदृढ़ीकरण) कराई जाए, या फिर उसके स्थान पर नया आधुनिक ब्रिज/बैराज निर्मित किया जाए, ताकि भविष्य में किसी भी प्रकार की दुर्घटना या आपदा से बचा जा सके।
ड्राई पोर्ट निर्माण पर विस्तृत चर्चा
भारत–नेपाल सीमा पर स्थित बनबसा में प्रस्तावित ड्राई पोर्ट (Dry Port) के निर्माण को लेकर भी दोनों पक्षों के बीच विस्तृत चर्चा हुई। सिंचाई मंत्री ने कहा कि ड्राई पोर्ट बनने से सीमा पार व्यापार, लॉजिस्टिक्स, रोजगार सृजन और क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था को नया बल मिलेगा। इससे उत्तराखंड के साथ-साथ नेपाल के व्यापारियों को भी सीधा लाभ होगा और दोनों देशों के बीच आयात–निर्यात की प्रक्रिया और अधिक सुगम बनेगी।
भारत–नेपाल सहयोग को मिलेगी नई दिशा
नेपाल के राजदूत डॉ. शंकर प्रसाद शर्मा ने भी जल संसाधन, अवसंरचना और व्यापार से जुड़े इन प्रस्तावों पर सकारात्मक रुख दिखाया। उन्होंने कहा कि भारत और नेपाल के बीच सहयोग की परंपरा पुरानी है और शारदा/महाकाली नदी से जुड़ी परियोजनाएं आपसी विश्वास और साझेदारी को और मजबूत करेंगी।
सीमावर्ती क्षेत्रों के विकास पर फोकस
मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि उत्तराखंड सरकार सीमावर्ती क्षेत्रों के समग्र विकास के लिए प्रतिबद्ध है। शारदा बैराज, बनबसा बैराज का पुनर्निर्माण/सुदृढ़ीकरण और ड्राई पोर्ट जैसी परियोजनाएं न केवल आधारभूत ढांचे को मजबूत करेंगी, बल्कि स्थानीय लोगों के जीवन स्तर में सुधार और क्षेत्रीय स्थिरता सुनिश्चित करेंगी।कुल मिलाकर, यह बैठक भारत–नेपाल के बीच जल संसाधन प्रबंधन, आधारभूत संरचना और व्यापारिक सहयोग को नई गति देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।




