
हरिद्वार : जनपद में भ्रष्टाचार के खिलाफ विजिलेंस ने एक बड़ी और सख्त कार्रवाई करते हुए खंड शिक्षा अधिकारी को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। इस कार्रवाई से शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया है और सरकारी तंत्र में व्याप्त भ्रष्टाचार एक बार फिर उजागर हुआ है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, विजिलेंस टीम ने बहादराबाद विकासखंड के खंड शिक्षा अधिकारी ब्रज पाल सिंह राठौर को 20 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया। यह रिश्वत पुलिस मॉडर्न स्कूल, 40वीं बटालियन पीएसी, हरिद्वार के औपबंधिक मान्यता प्रमाणपत्र (नवीनीकरण प्रमाणपत्र) को जारी करने के एवज में मांगी गई थी। शिकायतकर्ता द्वारा रिश्वत मांगे जाने की सूचना विजिलेंस को दी गई थी, जिसके बाद पूरे मामले की गोपनीय तरीके से जांच की गई और सत्य पाए जाने पर ट्रैप की कार्रवाई को अंजाम दिया गया।
बताया जा रहा है कि इस पूरे मामले में सह अभियुक्त के रूप में मुकेश, प्रभारी प्रधानाध्यापक, मंगोलपुर की भूमिका सामने आई है। आरोप है कि मुकेश ने ही खंड शिक्षा अधिकारी की ओर से 20 हजार रुपये की रिश्वत की मांग पीड़ित से की थी और लेन-देन की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया। विजिलेंस टीम ने पहले शिकायत की पुष्टि की और फिर योजनाबद्ध तरीके से कार्रवाई करते हुए रिश्वत की रकम के साथ खंड शिक्षा अधिकारी को रंगे हाथों पकड़ लिया।
गिरफ्तारी के बाद विजिलेंस टीम आरोपी अधिकारी को अपने साथ ले गई, जहां उससे गहन पूछताछ की जा रही है। टीम यह भी जांच कर रही है कि इस तरह की रिश्वतखोरी के मामले पहले भी सामने आए हैं या नहीं, और कहीं इसमें अन्य अधिकारी या कर्मचारी तो शामिल नहीं हैं। विजिलेंस सूत्रों के अनुसार, आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है और आगे की कानूनी कार्रवाई की जा रही है।
इस मामले ने इसलिए भी अधिक चर्चा बटोरी है क्योंकि गिरफ्तार खंड शिक्षा अधिकारी ब्रज पाल सिंह राठौर की पत्नी देहरादून में पुलिस विभाग में सीओ (क्षेत्राधिकारी) के पद पर तैनात हैं। इस तथ्य के सामने आने के बाद प्रशासनिक और पुलिस महकमे में भी चर्चाओं का दौर तेज हो गया है। हालांकि विजिलेंस अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि कार्रवाई पूरी तरह साक्ष्यों और शिकायत के आधार पर की गई है और इसमें किसी भी तरह का पक्षपात नहीं किया गया।
विजिलेंस अधिकारियों का कहना है कि राज्य सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रही है और जनहित से जुड़े मामलों में रिश्वतखोरी किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। आम जनता से भी अपील की गई है कि यदि किसी सरकारी कार्यालय या अधिकारी द्वारा रिश्वत की मांग की जाती है, तो वे बिना भय के विजिलेंस विभाग से संपर्क करें।
इस कार्रवाई के बाद शिक्षा विभाग में भी सतर्कता बढ़ा दी गई है। विभागीय सूत्रों का कहना है कि मान्यता, नवीनीकरण और निरीक्षण से जुड़े मामलों में पारदर्शिता लाने के लिए प्रक्रियाओं को और अधिक सख्त व डिजिटल बनाने पर विचार किया जा रहा है, ताकि भविष्य में इस तरह की शिकायतों की गुंजाइश कम हो सके।
कुल मिलाकर, हरिद्वार में हुई यह कार्रवाई न केवल एक अधिकारी की गिरफ्तारी तक सीमित है, बल्कि यह भ्रष्टाचार के खिलाफ एक कड़ा संदेश भी है कि कानून से ऊपर कोई नहीं है और जनसेवा से जुड़े पदों का दुरुपयोग करने वालों पर सख्त कार्रवाई तय है।




