
देहरादून : शनिवार को आयोजित एक कार्यक्रम में राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों और कर्मचारियों ने प्रशासनिक दायित्वों के साथ-साथ सामाजिक और स्वास्थ्य संबंधी विषयों पर भी विचार-विमर्श किया। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य सरकारी तंत्र में कार्यरत लोगों के बीच संतुलित जीवनशैली, मानसिक स्वास्थ्य और आपसी समन्वय को मजबूत करना रहा।
कार्यक्रम के दौरान वक्ताओं ने कहा कि लंबे समय तक कार्यालयी कार्यों और जिम्मेदारियों के कारण कर्मचारियों में शारीरिक निष्क्रियता और मानसिक दबाव बढ़ता है। ऐसे में कार्यस्थल से जुड़े लोगों के लिए नियमित गतिविधियां, सामूहिक कार्यक्रम और स्वस्थ आदतें बेहद जरूरी हैं। इससे न केवल व्यक्तिगत स्वास्थ्य बेहतर होता है, बल्कि टीमवर्क और कार्यक्षमता में भी सुधार आता है।
अधिकारियों ने बताया कि राज्य में सरकारी कर्मचारियों के लिए अब विभिन्न स्तरों पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं, जिनमें योग, फिटनेस, स्वास्थ्य जांच और तनाव प्रबंधन से जुड़े सत्र शामिल हैं। इन पहलों का उद्देश्य कर्मचारियों को स्वस्थ रखने के साथ-साथ उन्हें कार्य के प्रति अधिक सकारात्मक और ऊर्जावान बनाना है।
इस अवसर पर यह भी कहा गया कि उत्तराखंड में हाल के वर्षों में सार्वजनिक सुविधाओं, बुनियादी ढांचे और प्रशासनिक सुधारों पर विशेष ध्यान दिया गया है। सरकारी तंत्र में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाने के लिए नई कार्यप्रणालियां अपनाई जा रही हैं, जिससे आम जनता को तेजी से सेवाएं मिल सकें।
कार्यक्रम में मौजूद अधिकारियों ने उम्मीद जताई कि इस तरह के आयोजनों से सरकारी कर्मचारियों के बीच आपसी संवाद बढ़ेगा और कार्यस्थल का माहौल अधिक सहयोगात्मक बनेगा। उन्होंने कहा कि स्वस्थ कर्मचारी ही मजबूत प्रशासन की नींव होते हैं और इसी सोच के साथ राज्य में आगे भी इस तरह की पहल जारी रखी जाएंगी।




