गरुड़ / किरसाण महोत्सव के तीसरे दिन कौसानी बाजार में नांगरा-निषाणों व ढोल-दमाऊ के साथ आकर्षक सांस्कृतिक रैली निकाली गई। राज्यसभा सदस्य प्रदीप टम्टा ने कहा कि किरसाण महोत्सव महिलाओं के श्रम के सम्मान का प्रतीक है।किरसाण महोत्सव के समापन पर राज्यसभा सदस्य प्रदीप टम्टा ने कहा कि पहाड़ की महिलाएं ही उत्तराखंड की रीढ़ हैं। उसके दर्द को समझना होगा। विशिष्ट अतिथि समाजसेवी भैरव नाथ टम्टा ने कहा कि पहाड़ से पलायन रोकने के लिए लोगों को सकारात्मक सोच के साथ आगे आना चाहिए। महिलाओं ने शगुन आखर गाए और बच्चों ने रंगारंग कार्यक्रम पेश किए।
लखनी की गायिका कमला देवी ने अपने मधुर कंठ से गीत गाकर सबको झूमने पर मजबूर कर दिया। हितैषी संस्था के डा. किशन राणा ने सभी का आभार व्यक्त किया। इस दौरान कृष्ण सिंह बिष्ट, सुनील दोसाद, गिरीश कांडपाल, बबलू नेगी, किशन सिंह, मोहन सिंह बोरा, अर्जुन राणा, पंकज भट्ट, मनोज गोस्वामी, राजीव कांडपाल, रेनू टम्टा, जिपंस भावना दोसाद, मंजू बोरा, नीमा बहन, गंगा देवी, पानुली देवी, कविता देवी, पूजा बरोलिया, मेघा गोस्वामी समेत दर्जनों महिला-पुरुष मौजूद थे। भावना बनी कत्यूर घाटी की सर्वश्रेष्ठ किरसाण भावना दोसाद कत्यूर घाटी की सर्वश्रेष्ठ किरसाण बनी।