देहरादून / नीति आयोग द्वारा जारी स्वास्थ्य सूचकांक में उत्तराखंड एक पायदान और नीचे लुढ़का है। उत्तराखंड की ओवरआल रैंकिंग 15 आंकी गई है। बीते वर्ष उत्तराखंड ओवरआल परफार्मेंस में 14वें स्थान पर था। हालांकि, क्रमिक सुधार के मामले में उत्तराखंड 13वें स्थान पर है। आयोग ने अपनी रिपोर्ट में उत्तराखंड में विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी की ओर भी इंगित किया है।
सोमवार को नीति आयोग ने देश के सभी राज्य व केंद्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य मानक पर चौथे सर्वे की रिपोर्ट जारी की। रिपोर्ट में उत्तराखंड को उन चार राज्यों में शामिल किया गया है जिनकी श्रेणी नीचे गिरी है। हालांकि क्रमिक सुधार में उत्तराखंड ने 0.58 अंक की वृद्धि की है। कुल 44.21 अंक लेकर भी उत्तराखंड एक पायदान नीचे आया है। लिंगानुपात में उत्तराखंड को हजार बालकों में 840 बालिकाओं के साथ सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले राज्य में शामिल किया गया है।
कार्यालयों में आइटी के प्रयोग के मामले में भी उत्तरखंड को पिछड़े राज्यों में शामिल किया गया है। इसके साथ ही फर्स्ट रेफेरल यूनिट के मामले में भी उत्तराखंड में 21.7 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है। शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में भी उत्तराखंड का प्रदर्शन खराब रहा है।