बदायूं: आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर प्रमुख राजनीतिक दलों की स्थिति तकरीबन साफ हो चुकी है।टिकट दावेदारों की बात करें तो सिर्फ दो सीटों पर सपा ने अपने पतते नहीं खोले हैं। आपको बता दें कि चुनावी गणित देखकर ऐसा महसूस हो रहा है कि बदायूं में सत्तारूढ़ दल भाजपा के लिए पिछले चुनाव की तरह आसान नहीं होगा।
गौरतलब है कि पदाधिकारियों और उम्मीदवारों के सामने दोहरी चुनौती है। जाहिर है इस बार चुनाव में विपक्षी दलों से कांटे की टक्कर मिलने के आसार साफ दिख रहे हैं,वहीं टिकट कटने से बागी हो रहे नेताओं से भितरघात का डर भी बना हुआ है।
अगर बात करें तो भाजपा में टिकट के सबसे ज्यादा दावेदार बिल्सी विधान सभा सीट पर रहे।इसका पंमुख कारण यह रहा कि यहां से भाजपा विधायक रहे आरके शर्मा भाजपा छोड़कर सपा में चले गए थे। इसलिए यहां पर जातिय समीकरण गड़बड़ा गया था क्योंकि यहां से शाक्य,ब्राह्मण,ठाकुर,वैश्य हर वर्ग के 16 लोग दावेदारी कर रहे थे। बहरहाल टिकट तो किसी एक को ही मिलना था और वही हुआ भी ।
हरीश शाक्य का टिकट घोषित होने के बाद बाकी दावेदारों के अरमान ठंडे पड़ गये । हालांकि इनमे ज्यादातर संगठन से जुड़े हुये लोग हैं,इसलिए यहां ज्यादा उठापटक होती नहीं दिख रही है। सदर सीट पर मौजूदा विधायक महेश चंद्र गुप्ता पर भाजपा ने फिर भरोसा जताया है। इस सीट पर भी पार्टी के कई वरिष्ठ नेता दावेदारी कर रहे थे।
दावेदार तो कहीं कोई बयानबाजी नहीं कर रहे हैं लेकिन कुछ लोगों के समर्थक विरोध जरूर करते दिख रहे हैं। माना ये जा रहा है कि अगर विरोध को खत्म नहीं किया गया तो महेश गुप्ता के लिए इस बार इतनी आसानी से लखनऊ का रास्ता देखने को नहीं मिलेगा।