उत्तराखण्ड की मंगलौर विधानसभा में अधूरा आमखेड़ी गांव का पुल पहेली बनता जा रहा है। गौरतलब है कि राज्य में तीन पूर्व मुख्यमंत्री इस पुल का शिलान्यास भी कर चुके हैं। लेकिनअभी तक यह पुल अधूरा ही है। आपको बता दें परेशान ग्रामीणों को आज भी कई किलोमीटर का चक्कर काटकरअपनी मंजिल तक जाना पड़ता है।
जैसा की आपको मालूम है कि कांग्रेस की सरकार में तत्कालीन मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी ने लंढौरा में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान आमखेड़ी में सोलानी नदी पर पुल के निर्माण की घोषणा करी थी। इसके बाद राज्य में सरकार बदल गई। उसके बाद भी मेजर जनरल (सेनि) बीसी खंडूरी,रमेश पोखरियाल निशंक ने प्रदेश की कमान संभाली थी।
लेकिन,पुल का निर्माण नहीं हो सका। फिर इसके बाद विजय बहुगुणा एवं हरीश रावत के हाथ में सत्ता की बागडोर है। लेकिन पुल तब भी नहीं बना। साल 2016 में हुए सियासी घटनाक्रम के बाद तत्कालीन सीएम हरीश रावत ने पुल का शिलान्यास किया था। लेकिन पुल अभी तक अधूरा ही है । इसके बाद राज्य में फिर सत्ता परिवर्तन हुआ।
भाजपा की सरकार आई और पुल की सुध नहीं ली गई। उसके बाद 2019 में लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लागू होने से ठीक पहले हरिद्वार लोकसभा क्षेत्र के सांसद रमेश पोखरियाल निशंक ने इस पुल का फिर से शिलान्यास कर दिया। लेकिन इस पुल का निर्माण धीमी गति से चल रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि छह माह से ही निर्माण कार्य शुरू हुआ है। आपको बता दें कि इस पुल के बनने से गोपालपुर, मुंडलाना,अकबरपुर ढाढेकी, हरजोली जट, टांडा भनेड़ा, घोसीपूरा, हरचंदपुर, सिकंदरपुर आदि गांव को इसका लाभ मिलेगा। इसी तरह से लक्सर के भी दो दर्जन से अधिक गांव लाभांवित होंगे। ग्रामीणों को सोलानी नदी को पार करने के लिए कई किमी की दूरी का चक्कर काटने से निजात मिलेगी।