हरिद्वार: धर्मनगरी में त्रिस्तरीय पंचायत के आरक्षण के लिए जिलाधिकारी की ओर से जारी की गई अधिसूचना पर फिलहाल रोक लगा दी गई है। आपको बता दें कि इस मामले में कांग्रेस पार्टी ने आपत्ति दर्ज कराई थी उसके बाद निर्वाचन आयोग की ओर से प्रक्रिया को स्थगित करने के निर्देश दिए गए हैं।
जैसा की मालूम है हरिद्वार जिले में 28 मार्च 2021 को पंचायतों का कार्यकाल समाप्त हो गया था तब से एडीओ पंचायत बतौर प्रशासक नियुक्त हैं। जिले में 306 ग्राम पंचायतें, 47 जिला पंचायत और 221 क्षेत्र पंचायत के पद हैं। इधर प्रदेश में जारी विधानसभा चुनाव की प्रक्रिया के बीच शासन के आदेश पर जिलाधिकारी हरिद्वार ने त्रिस्तरीय पंचायत के आरक्षण एवं परिसीमन की प्रक्रिया शुरू कर दी थी जिसको लेकर कांग्रेस पार्टी ने इसकी मुखालफत शुरू कर दी थी।
इस संबंध में उत्तराखण्ड कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गणेश गोदियाल के नेतृत्व में कांग्रेस का डेलीगेशन संयुक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी से मिला था। गोदियाल ने निर्वाचन आयोग से इस बात की शिकायत दर्ज करते हुए कहा कि हरिद्वार जिले में होने वाले पंचायत चुनावों के मद्देनजर शासन स्तर से परिसीमन एवं आरक्षण की प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश जारी किए गए हैं जबकि प्रदेश में विधानसभा चुनाव की प्रक्रिया अभी समाप्त नहीं हुई है।
उत्तराखण्ड में विधानसभा चुनावों के लिए जारी आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू है, उन्होंने कहा कि हरिद्वार जनपद में इस प्रकार की कार्यवाही आदर्श चुनाव आचार संहिता का खुला उल्लंघन है। उन्होंने आदर्श चुनाव आचार संहिता की अवधि समाप्त होने तक हरिद्वार जिले में पंचायत चुनाव के लिए परिसीमन एवं आरक्षण की प्रक्रिया पर तुरंत रोक लगाने की मांग की। इस पर संयुक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रताप शाह की ओर से प्रतिनिधिमंडल को अवगत कराया कि इस मामले में कार्यवाही को स्थगित करने के निर्देश दिए गए हैं।
इस मामले में हरिद्वार के जिलाधिकारी की ओर से पूर्व में ही परामर्श मांगा गया था उन्हें पहले ही बता दिया गया है कि जब तक इस संबंध में भारत निर्वाचन आयोग की ओर से परामर्श प्राप्त नहीं हो जाता तब तक इस कार्यवाही को स्थगित रखा जाए।
.प्रताप शाह, संयुक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी