देहरादून: केंद्र सरकार ने हाल ही में जनगणना संशोधन अधिनियम 2022 जारी करते हुए इसमें जनगणना के ऑनलाइन माध्यमों को जोड़ दिया है। आपको बता दें कि अभी तक सभी कर्मचारी घर-घर जाकर गणना का कार्य करते थे इसके बाद उस पूरे डाटा को कंप्यूटरों के माध्यम से ऑनलाइन किया जाता था।
गौरतलब है कि इस बार जनगणना थोड़ा तेज होगी। सभी कर्मचारी और सुपरवाइज फील्ड में जाएंगे और संबंधित घरों की पूरी जानकारी एप के माध्यम से अपलोड करेंगे। अगर कहीं नेटवर्क की परेशानी है तो वह इस एप पर ऑफलाइन सेव करके नेटवर्क आने पर उसे अपलोड कर सकेंगे। दूसरी ओर अब आम जनता को भी डिजिटल माध्यम से अपनी जनगणना करनेे का अधिकार दिया गया है। वह पोर्टल के माध्यम से अपनी जानकारी भर सकेंगे। हालांकि इस जानकारी को भी जनगणना में लगे कर्मचारियों के माध्यम से वेरिफाई किया जाएगा।
जनगणना का आवास सूचीकरण चरण और एनपीआर को अपडेट करने की कवायद एक अप्रैल से 30 सितंबर 2020 के बीच पूरी की जानी थी लेकिन कोरोना महामारी के चलते इसे स्थगित कर दिया गया था। पहले के कार्यक्रम के मुताबिक जनगणना की संदर्भ तिथि एक मार्च 2021 और पर्वतीय राज्यों उत्तराखंड, जम्मू.कश्मीर, हिमाचल प्रदेश में यह एक अक्तूबर 2020 थी। जल्द ही जनगणना 2021 की तिथि जारी की जाएगी।
वहीं निदेशक का कहना है कि अब डिजिटल माध्यम से जनगणना का काम होगा। इसके लिए एप पर अपडेशन का काम लगभग पूरा हो चुका है। कर्मचारी फील्ड में जाकर ऑफलाइन एप में भरकर फिर कनेक्टिविटी आने पर अपलोड कर सकते हैं। स्वयं भी पोर्टल के माध्यम से जानकारी दी जा सकेगी।
.विम्मी सचदेवा, निदेशक, जनगणना निदेशालय, उत्तराखंड