देहरादून: मुख्यमंत्री ने आयोग की बैठक में निर्देश दिए कि उत्तराखंड ग्राम्य विकास एवं पलायन आयोग का नाम अब पलायन निवारण आयोग होगा। सीएम ने आयोग की संस्तुतियों के बेहतर ढंग से क्रियान्वयन के लिए एसीएस आनंद बर्द्धन की अध्यक्षता में कमेटी बनाने को भी कहा। इस कमेटी में बतौर सदस्य आयोग के सदस्य शामिल होंगे।
वहीं सीएम धामी ने ग्रामीण क्षेत्रों के विकास के लिए एक ग्राम-एक सेवक की अवधारणा पर कार्य करने की जरूरत बताई। उन्होंने कहा कि साल 2025 तक उत्तराखंड को उत्तम राज्यों की श्रेणी में लाने के टारगेट पर सरकार काम कर रही है। विकास से जुड़े नए विषयों को आगे बढ़ाया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि पलायन आयोग किस-किस क्षेत्र में योगदान दे सकता है उनकी कार्ययोजना बनाने के साथ ही कार्य और उपलब्धियां धरातल पर दिखें इस पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है।
उन्होंने निर्देश दिए कि आयोग द्वारा दिए जा रहे सुझावों को अमल में लाने के लिए संबंधित विभाग ठोस कार्ययोजना बनाएं। जनकल्याणकारी योजनाओं से ज्यादा से ज्यादा लोग लाभान्वित होंए इसके लिए प्रक्रिया के सरलीकरण पर ध्यान दिया जाए।
उन्होंने ये भी कहा कि माईग्रेशन की रोकथाम को ग्राम केंद्रित योजनाओं पर ध्यान देने के साथ ही आजीविका के साधन बढ़ाने और अवस्थापना विकास से संबंधित कार्यों पर विशेष जोर दिया जाए।