देहरादून :उत्तराखंड के नवगठित नगर निकाय भी हाउस टैक्स के दायरे में आने जा रहे हैं। प्रदेश में इस समय नगर निकायों की संख्या 102 तक पहुंच गई है, लेकिन वर्तमान में 69 निकाय ही हाउस टैक्स वसूल रहे हैं। इस कारण शहरी विकास विभाग ने शेष सभी निकायों को भी हाउस टैक्स की प्रकिया शुरू करने को कहा है।
हाउस टैक्स निकायों की आय का सबसे अहम जरिया है। लेकिन राजनैतिक कारणों से निकाय टैक्स लागू करने या वसूलने में ढीला ढाला रुख अपनाते हैं। आलम यह है कि प्रदेश में 102 के मुकाबले 69 निकाय ही अपने यहां टैक्स वसूल रहे हैं। शेष निकायों में कुछ तो ऐसे हैं जिनमें निर्वाचित बोर्ड को अब दूसरा-तीसरा कार्यकाल चल रहा है।
इसमें यूपी के समय से बनी टिहरी जैसी नगर पालिका भी शामिल है, जहां इसी वित्तीय वर्ष से टैक्स प्रक्रिया शुरू हो पाई है। उक्त निकायों को कर्मचारियों के वेतन और पेंशन के लिए तो राज्य वित्त आयोग से बजट मिल जाता है, लेकिन इसके अलावा उनके पास विकास कार्यों के लिए कोई बजट नहीं होता है।
इधर, केंद्र सरकार ने भी अब निकायों को मदद देने के लिए टैक्स कलेक्शन में बढ़ोतरी की शर्त लगा दी है। इस कारण शहरी विकास निदेशालय ने अब सभी निकायों को अपने यहां हाउस टैक्स की प्रक्रिया शुरू करने को कहा है। निदेशक नवनीत पांडे के मुताबिक कुछ निकाय दस साल की समय सीमा पूरी न होने के कारण अब तक टैक्स लागू नहीं कर पाए थे, अब सभी को अपनी आर्थिकी के स्रोत बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है।
छूट की समय सीमा पर असमंजस: नगर निकायों में शामिल नए इलाकों को हाउस टैक्स वसूलने पर दस साल तक की छूट मिली हुई है। इसके लिए विभाग ने अलग से आदेश जारी किए हुए हैं, लेकिन नव गठित निकायों के मामले में इस तरह की छूट का कोई स्पष्ट नियम नहीं है।
इस कारण तमाम निकाय स्वत: ही खुद को शुरुआती चरण में टैक्स लगाने से दूर रखते हैं। दूसरी तरफ नए शामिल इलाकों में भी सिर्फ आवासीय भवनों को ही कर से राहत मिल पाई है, कॉमर्शियल भवनों को अब तक यह राहत नहीं मिल पाई है। नए शामिल इलाकों के लिए तय कर छूट की समय सीमा के अब चार साल बीत चुके हैं।
नई नियमावली का इंतजार: शहरी विकास विभाग निकायों में सर्किल रेट आधारित टैक्स प्रणाली लागू कर चुका है। इसके लिए नियमावली बनकर तैयार है। कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद प्रदेश में हाउस टैक्स की नई प्रणाली लागू हो जाएगी। इसके तहत सर्किल रेट बढ़ने के साथ ही हाउस टैक्स की दरें भी स्वत: बढ़ जाएंगी।
टिहरी, सेलाकुईं, शिवालिकनगर, भगवानपुर, ढंडेरा, पाडली गुर्जर, रामपुर, इमलीखेड़ा, घनसाली, चमियाला, गजा, लम्बगांव, तपोवन, सतपुली, थलीसैण, नौगांव, पीपलकोटी, चिन्यालीसौड़, केदारनाथ, ऊखीमठ, तिलवाड़ा, रानीखेत- चिलियानौला, भिकियासैंण, गरुड़, चौखुटिया, कपकोट, बनबसा, बेरीनाग, गंगोलीहाट, नगला, नानकमत्ता, गूलरभोज, लालपुर इन निकायों को नोटिस दिया गया है
निदेशालय ने हाउस टैक्स के दायरे से बाहर की सभी निकायों को बायलॉज बनाने की प्रक्रिया शुरू करने के साथ ही सर्वे प्रक्रिया शुरू करने को कहा है। इसके बाद कई निकायों ने अपने यहां बायलॉज का सार्वजनिक प्रकाशन करते हुए, आपत्ति मांग ली हैं। निदेशालय ने इसके लिए निकायों को बायलॉज की प्रति भी उपलब्ध कराई है।