दुनियां में न जाने ऐसे कितने अजब गज़ब किस्से होते हैं जिन्हें सुनकर एकबार तो आपको हैरानी होगीलेकिन इसमें सच्चाई भी होती है। आज हम आपको एक ऐसे किस्से के बारे में बताते हैं जिसे सुनकर आपको आश्चर्य तो जरूर होगा लेकिन सच भी है। क्या आपने सुना है कि अन्धेरे पर प्रकाश की विजय का पर्व दीपावली पर इंसान तो क्या जानवरों की भी किस्मत खुल जाती है । जी हां पड़ोसी देश नेपाल में दीपावली के दिन कुकुर त्योहार मनाया जाता है।
जब मैंने इस बात को जानने के लिए एक नेपाली भाई से मालूम किया तो उनका कहना था कि ये बात ठीक है। दीपावली की सुबह कुकुर की पूजा होती है उसके अगले दिन गाय की पूजा होती है और फिर भाई दूज। तो ये बात बिल्कुल ठीक है कि दिवाली के दिन कुत्तों की खुल जाती है किस्मत और उड़ाते हैं दावत। तो आईये बताते हैं कि दिवाली के दिन कुकुर पूजा में क्या होता है।
ये तो शायद हर कोई जानता होगा कि हिंदू धर्म में कुत्तों को यम देवता का संदेशवाहक माना जाता है,ऐसे में लोग उनकी पूजा करते हुए इस बात की कामना करते हैं कि वे हमेशा उनके साथ बने रहें। लेकिन नेपाल के लोगों का मानना है कि कुत्ते मरने के बाद भी अपने मालिक की रक्षा करते हैं,ऐसे में उन्हें दावत देकर संतुष्ट किया जाता है। हम आपको ये भी बता दें कि पड़ोसी देश नेपाल में दीपावली के इन 5 दिनों में कुकुर,गाय,बैल,और कौओं की भी पूजा का भी रिवाज़ है। इन पांच दिनों में हर एक दिन इन जानवरों की पूजा के लिए रखा गया है ।
अब तो आप समझ ही गये होंगे । आपको बता दें कि नेपाल में त्योहार को तिहार कहते हैं। भारत की तरह नेपाल में भी दीये और मोमबत्तियां जलाई जाती हैं,लोग इस दिन नए कपड़े पहनते हैं और एक.दूसरे को बधाई देते हैं। नेपाल में भी भारत की ही तरह दीपावली 5 दिन तक चलती है,इसी सिलसिले में दीपावली के दिन सुबह यहां ‘‘कुकुर तिहार’’ मनाया जाता है। कुकुर यानि कुत्ता, ऐसे में साफ है कि इस दिन उन्हीं की त्यौहार होता है। जब हमने इस बारे में नेपाली मूल के एक भाई जीवन सिंह से पूछाा तो उन्होंने बताया कि दीपावली की सुबह कुत्तों को माला पहनाकर टीका यानि तिलक लगाया जाता है। कुत्तों के लिए पकवान बनाए जाते हैं और उन्हें खाने को दिया जाता है। कुकुर यानि कुत्तों को इस दिन हलवा,पुड़ी, मिठाई,दूध और दही खिलाकर दावत दी जाती है।