बदायूं: इंसान किस कदर अपने दायित्व,व्यवहार,श्ष्टिाचार और सदाचार से भटक कर दुराचार,अनाचार के बाहुपाश में ऐसा जकड़ गया है कि उसे न तो मंदिर दिखता है न मस्जिद न स्कूल दिखता है न मदरसा।
ऐसे लोगों ने ही मंदिर मस्जिद,दरगाह,मदरसा और शिक्षा के मंदिर पर दाग लगाया है जो समाज को शर्मसार करता है। ऐसा ही शर्मसार करने वाला मामला सामनेआया है उत्तर प्रदेश के जिला बदायूं से जहां एक महिला शिक्षिका ने मदरसा प्रबंधक और उसके तीन साथियों पर नशा पिलाकर दुष्कर्म करने का मामला दर्ज कराया है।
जानकारी के अनुसार मदरसा प्रबंधक ने बच्चों को पढ़ाने के बहाने महिला शिक्षक को बुलाकर दुष्कर्म किया ऐसा आरोप शिक्षिका ने मदरसा प्रबंधक पर लगाया है। फिलहाल इस मामले में मदरसा प्रबंधक समेत तीन लोगों के खिलाफ कोर्ट के आदेश पर प्राथमिकी दर्ज की गई है। आपको बता दें कि ये सारा मामला लाकडाउन के दौरान 2020 का है। मदरसा प्रबंशक और उसके साथियों पर दर्ज कराई गई प्राथमिकी में उल्लेख किया गया है कि उक्त महिला शिक्षक 2017 में ककराला के मदरसा हिकमत खां में पढ़ा रही थी। प्रबंधक राशिद अली के आपत्तिजनक व्यवहार के कारण उसने नौकरी छोड़ दी थी।
आरोप है कि लाकडाउन के दौरान 16 अप्रैल 2020 को प्रबधक ने महिला शिक्षक को फोन करके बुलाया कि कुछ बच्चे पढ़ने आ गए हैं उन्हें आकर पढ़ा दे। महिला शिक्षिका अपने भाई के साथ मदरसा पहुंची लेकिन मदरसा में बच्चे नहीं थे। प्रबंधक नुरुल हसन,मुजाहिद उर्फ गुड्डू ही थे। बताया कि कुछ देर में बच्चे आ रहे हैं। उसके भाई को वहां से वापस भेज दिया था।
आरोप है कि बाद में उसे कोल्डड्रिंक में नशीला पदार्थ मिलाकर पिला दिया,उसके बेहोश हो जाने पर उसके साथ तीन लोगों ने दुष्कर्म किया। महिला शिक्षक ने पुलिस को तहरीर दी लेकिन पुलिस ने कोई रेस्पोंस नहीं दिया। मजबूरन उसने न्यायालय की शरण ली,नयायालय के आदेश पर पुलिस ने प्रबंधक समेत तीन लोगों के प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
बहरहाल इस बात की सत्यता क्या है ये तो वक्त बतायेगा लेकिन जिस तरह के वाक्यात सामने आ रहे हैं उससे समाज शर्मसार अवश्य हो रहा है साथ ही शिक्षा के मंदिर भी ऐसे लोगों की वजह से बदनाम हो रहे हैं जहां बच्चों के मां बाप उनका मुस्तकबिल संवारने के लिए उन्हें सौंप देते हैं।