देहरादून : देवभूमि उत्तराखंड में अब जबरन मत परिवर्तन कराने वालों की खैर नहीं है। धामी सरकार इसे लेकर काफी सख्त हो गई है। आपको बता दें कि अब उत्तराखण्ड में जबरन मतांतरण करने या इस तरह का दुःस्साहस करने वालों के लिए जेल की अवधि को और बढ़ा दिया गया है। इतना ही नहीं अब जुर्माना भी ज्यादा भरना होगा।
गौरतलब है कि धामी सरकार ने उत्तर प्रदेश की तुलना में इस कानून के प्रविधान और ज्यादा सख्त करते हुए संशोधन किए गए हैं। अब कानून का उल्लंघन करने पर कम से कम एक साल के स्थान पर दो वर्ष जेल की सजा काटनी होगी। इस लिहाज से ऐसा करने वालों को सात साल जेल में रहना होगा पहले ये अवधि पांच साल थी।
वैसे ही जुर्माने की राशि 15 हजार रुपये से बढ़ाकर अब 25 हजार रुपये कर दी गई है। इस कानून के अंतर्गत अब सभी अपराध संज्ञेय और गैर जमानती होंगे। धामी मंत्रिमंडल ने यह निर्णय लेते हुए उत्तराखंड (धर्म स्वतंत्रता,संशोधन) विधेयक के मसौदे को स्वीकृति दी। मंत्रिमंडल ने अन्य अहम निर्णय में हाईकोर्ट को नैनीताल से हल्द्वानी स्थानांतरित करने पर सैद्धांतिक सहमति दी है।