गोपेश्वर: उत्तराखण्ड के पर्वतीय क्षेत्रो मे हर कदम खतरा ही खतरा है । या ऐसे कह लिया जाये कि यहां के लोग एडवेंचर ऑफ लाईफ का जीवंत उदाहरण हैं। खासकर पर्वतीय ़ोत्रों में भू-सखलन,भू धसाव जैसे हादसे अक्सरकर होते रहते हैं लेकिन इन पर सरकार का कितना ध्यान है ये मौजूदा खबर से सामने आ रहा है। आपको बता दें कि ंपर्यटन और धार्मिक नगरी जोशीमठ में भू धसाव के चलते लोगों में दहशत का माहौल है।
इतना ही नहीं इस भूधंसाव से यहां के पर्यटन व्यवसाय पर खासा फर्क पड़ रहा है। दहशत में लोग घरों को छोड़ रहे हैं इस दहशत से सर्द रातों को जाग कर काट रहे हैं। आलम यह है कि यहां एक चार मंजिला होटल तिरछा हो रहा है जिससे पर्यटक भी भयभीत हैं। आपको बता दें कि थाने के समीप इस होटल का एसडीएम कुमकुम जोशी व नगर पालिका की टीम ने भी निरीक्षण किया। चार मंजिला इस होटल के अंदर भी मोटी दरारें आई हैं। बताया गया कि प्रशासन की ओर से भूगर्भीय जांच कराई जा रही है, ताकि खतरे को देखते हुए इसे पर्यटकों के लिए बंद कराया जाए।
धार्मिक व पर्यटन नगरी जोशीमठ में इन दिनों पर्यटकों की भीड़ है लेकिन जिस प्रकार यहां भूधंसाव हो रहा है उससे पर्यटक भी सहमे हुए हैं। कुछ ही अंतराल में औली रोपवे व थाने के पास एक बहुमंजिला होटल एक ओर झुक रहा है। यही दिक्कत अन्य जगहों पर भी है दरार आने से पर्यटक भी खौफजदा हैं।नगर पालिका जोशीमठ नगर में भूधंसाव व दारारों को लेकर सर्वे करा रहा है। आज तक सर्वे में 559 मकानों,भूखंड़ों में गहरी,आंशिक दरारें,दर्ज की गई है।
नगर पालिका अध्यक्ष का कहना है कि सर्वे रिपोर्ट को प्रशासन को भेजी जाएगी।उन्होंने कहा कि सर्वे में अभी तक 559 मकानों व भूखंड़ों में दरारें दर्ज की गई हैं। पूरे नगर के सर्वे के बाद इस रिपोर्ट को शासन.प्रशासन को भेजकर तत्काल भूधंसाव रोकने के लिए कारगर कदम उठाए जाने को लेकर प्रस्ताव भेजा जाएगा। उन्होंने कहा कि इस पौराणिक शहर को बचाने के लिए तत्काल कदम उठाए जाने की आवश्यकता है। जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति के बैनर तले स्थानीय लोग एकजुट होकर प्रभावितों की लड़ाई लड़ रहे हैं।
मात्र एक साल में ही जिस प्रकार भवनों व भूमि पर दरारें आई है तथा इसका दायरा बढ़ रहा है इससे नगर के अस्तित्व पर संकट आ रहा है। संघर्ष समिति के संयोजक अतुल सती ने दरारों के लिए जोशीमठ की पहाड़ी के नीचे सुरंग से होकर गुजरने वाली एनटीपीसी की निर्माणाधीन तपोवन बिष्णुगाड जलविद्युत परियोजना को जिम्मेदार ठहराया।वर्ष 2021 नवंबर में जोशीमठ के गांधीनगर में एकाएक मकानों में दरारें आनी शुरू हुईए जो बढ़ती गई।
गांधीनगर छावनी बाज़ार में 30 मकानों में दरारें आई हैं। इसको लेकर जनप्रतिनिधियों ने 16 नवंबर 2021 को प्रदर्शन कर प्रशासन से मदद की गुहार लगाई थी। लेकर इन दरारों व भूधंसाव को मानसून के दौरान एक क्षेत्र में सामान्य भूधंसाव मानकर कोई कार्रवाई नहीं हुई। लेकिन धीरे.धीरे भूधंसाव से भवनों,खेतों में दरारों का दायरा बढ़ता गया फिर मनोहर बाग,टीसीपी बाजार,नृसिंह मंदिर,दौडिल,रविग्राम सहित सुनील गांव में भी भवनों पर दरारें व भूधंसाव होने से लोग दहशत में हैं।