जोशीमठ:मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी दूसरी बार ग्राउंड जीरो पर पहुंचे हैं। आज बृहस्पतिवार को वह नृसिंह मंदिर पहुंचे और यहां पूजा की। जैसा कि आपको मालूम है जो घड़ी जोशीमठ के दिल पर बीत रही है उस समय मेंसीएम का वहां रहना उनका साहस और सब्र बांधना है। भू.धंसाव के संकट का सामना कर रहे जोशीमठ में आदि गुरु शंकराचार्य की गद्दी स्थित नृसिंह मंदिर परिसर में दरारें आ गई हैं। बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने के बाद शंकराचार्य की गद्दी नृसिंह मंदिर में विराजमान रहती है।
सीएम आज यहां हालात का जायजा लेने पहुंचे हैं। नृसिंह मंदिर में पूजा.अर्चना करने के बाद सीएम धामी सेना, आईटीबीपी के अधिकारियों के साथ ही प्रशासनिक अधिकारियों,प्रभावितों और पार्टी कार्यकर्ताओं मुलाकात की। मुख्यमंत्री धामी ने जोशीमठ में भूधंसाव से प्रभावित परिवारों को अंतरिम पैकेज के पारदर्शी वितरण एवं पुनर्वास पैकेज की दर निर्धारित किए जाने हेतु गठित समिति के साथ बैठक की। इस दौरान उन्होंने कहा कि स्थानीय स्तर पर गठित समिति के सदस्यों के सुझावों पर बाजार दर तय की जाएगी।
प्रभावित हितधारकों के हितों का पूरा ध्यान रखते हुए बेहतर से बेहतर मुआवजा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रभावित लोगों को मानसिक रूप से भी सबल बनाना है। सरकार की ओर से अधिकतम जो हो सकता है वह किया जाएगा। सीएम ने कहा कि फरवरी में औली में गेम्स होने है कुछ महीने बाद चारधाम यात्रा शुरू होने जा रही है। हमें यह भी देखना होगा की जोशीमठ से बाहर कोई गलत संदेश न जाए ताकि स्थानीय लोगों की आजीविका प्रभावित न हो। इसका हम सबको ध्यान में रखते हुए काम करना है।
वहीं मुख्यमंत्री ने सुनील आइटीबीपी कैंप में सेना,आईटीबीपी,एनडीआरएफ,और भूधंंसाव की जांच में लगे विभिन्न प्रतिष्ठानों के वैज्ञानिकों,जिला प्रशासन,पुलिस एवं आवश्यक सेवाओं से जुड़े जिला स्तरीय अधिकारियों की बैठक ली। सीएम ने कहा कि नागरिकों की सुरक्षा हमारी सबसे बड़ी जिम्मेदारी है। मुख्यमंत्री ने भूधंंसाव की जांच में लगे विभिन्न प्रतिष्ठानों के वैज्ञानिकों से भी वार्ता की और जोशीमठ में भूधंंसाव कारणों में चल रहे अध्ययन और शोध के बारे में जानकारी ली। जिसमें वैज्ञानिकों ने अब तक की जांच के बारे में अवगत कराया।सीएम ने सभी को आपदा की घड़ी में शासन प्रशासन के साथ तालमेल बनाकर काम करने की बात कही।