ज्वालापुर : आजकल घर में पैसा रखो तो जोखिम और प्राईवेट संस्था में जमा करो तो उससे भी बड़ा जोखिम। इन सफेदपोश करप्शन कुबेरों से कैसा बचा जाये। इंसान अपने मेहनत की पाई-पाई करके इनके हवाले कर देते हैं और ये धोखेबाज उन्हें चूना लगा जाते हैं। ऐसी ही एक वारदात को अंजाम दिया है धर्मनगरी के ज्वालापुर क्षेत्र में जहां एक मुस्लिम फंड संचालक लोगों की गाढ़ी कमाई लेकर नौ दो ग्यारह हो गया।
आलम ये है कि मिनी बैंक संचालक के खाताधारकों के पैसे लेकर भागने के बाद कोतवाली पहुंचे लोग पुलिस अधिकारियों को अपना दर्द सुना रहे थे। ज्यादातर लोग अपने बच्चों की शादी के लिए पैसे जोड़कर खातों में जमा कर रहे थे। जबकि कोई मकान बनाने तो कोई अपने बच्चों की आगे की पढ़ाई के लिए पैसे जोड़ रहा था।इन खाताधारकों में ज्यादातर मजदूर तबके के लोग अपने पैसे खातों में जमा करते थे। आरोपी संचालक अब्दुल रज्जाक के भाग जाने के बाद लोगों की जिंदगीभर की मेहनत की कमाई पलभर में चली गई।
कोतवाली में कई महिलाएं और युवक अपनी रकम को लेकर रोने लगे। एक युवक फफक-फफकर रो पड़ा। जिसे वरिष्ठ उप निरीक्षक संतोष सेमवाल ने दिलासा देकर बमुश्किल शांत कराया।आपको बता दें कि ये मिनी बैंक पिछले आठ सालों से चल रहा था एक महिला ने बताया कि उसकी दो बेटियां हैं,उसके पति की कई साल पहले मौत हो चुकी है। बेटियों की शादी के लिए मेहनत मजदूरी करके पाई-पाई जोड़कर खाते में जमा कर रही थी। फरवरी में बेटी की शादी है,लेकिन संचालक पैसे लेकर फरार हो गया है।
अब शादी कैसे करेंगे इसको लेकर बड़ा संकट खड़ा हो गया है।अधिवक्ता मोहम्मद नैयर ने बताया कि पिछले आठ वर्षों से खाता चल रहा था रोजाना पैसे जमा करते थे। हमारे चार खातों में सवा लाख रुपये जमा थे। उन्होंने मुख्यमंत्री से मांग की कि अब उत्तराखंड में किसी को भी इस तरह की संस्था चलाने की अनुमति न दी जाए ऐसे लोगों पर कार्रवाई की जाए।
आपको बता दें कि ज्वालापुर में एक नहीं बल्कि दो इस तरह की संस्थाएं चल रही हैं। आरोपी संचालक के फरार होने के बाद हज्जाबान मोहल्ले में चल रहे मुस्लिम फंड में भी लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। लोग अपने.अपने खातों से पैसे निकालने में जुटे रहे। लोगों को डर है कि कहीं ये संस्था भी पैसे लेकर फरार न हो जाए।पुलिस ने कार्यालय का ताला तोड़कर कार्यालय खंगाला। कुछ दस्तावेज और इलेक्ट्रिॉनिक उपकरण कब्जे में लिए हैं,मौके से 1600 रुपये की नकदी भी मिली है।