ओंगोले : आंध्र प्रदेश के दूर दराज के गांव की एक मुर्गी ने हाल ही में आयोजित राष्ट्रीय स्तर की सौंदर्य प्रतियोगिता में चौथा स्थान पाकर सबको चौंका दिया है। इसका श्रेय जाता है बाप-बेटे की उस जोड़ी को जो सिर्फ सौंदर्य प्रतियोगिताओं में भेजने के लिए तोते जैसी चोंच वाली मुर्गियों का पालन कर रहे हैं।
यही उनकी आजीविका है जिसमें वे पिछले से चार साल से लगे हैं।इस व्यक्ति का नाम है सय्यद बाशा जो प्रकाशम ज़िले के कोमरोलू मंडल के रजुपलेम गांव के रहने वाले हैं। उन्हें तोते जैसी चोंच वाली मुर्गियों के बारे में पता चला जो अधिकतर तमिलनाडु और केरल में पाई जाती हैं। उनके मन में इन मुर्गियों को पालने का ख़याल आया ताकि वे अपना परिवार की जरूरतों को पूरा कर सकें।
वह अपने पिता के साथ इन मुर्गियों के पालन में लग गया। इन मुर्गियों के बारे में यह कहा जाता है कि ये दुनिया की सबसे खूबसूरत मुर्गियां होती हैं। सय्यद बाशा ने कहा कि तोता-चोंच वाली मुर्गियों को पालना और उन्हें सौंदर्य प्रतियोगिताओं में भाग लेने के लिए तैयार करना बहुत ही कठिन काम है। उन्होंने बताया कि इसके लिए इन मुर्गियों को विशेष तरह का खाना दिया जाता है जिसमें जरूरी पोषक तत्व होते हैं।
कैसे तय होता है विनर?
बाशा ने बताया कि सौंदर्य प्रतियोगिताओं में मुर्गियों को उनके आकार-प्रकार, उनके पंखों की चमक और उनके रंगों के आधार पर विजेता घोषित किया जाता है। उन्होंने कहा कि सौंदर्य प्रतियोगिताओं में प्रवेश पाना मुश्किल होता है पर उनकी एक मुर्गी ने पहली बार राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में चौथा स्थान प्राप्त किया है।
यह प्रतियोगिता 29 जनवरी को अनंतपुर के धर्मावरम में आयोजित हुई और उसे पुरस्कार और प्रशस्ति प्रमाणपत्र मिला।
सय्यद बाशा 50 मुर्गियों का पालन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अपनी उपलब्धि पर उन्हें नाज़ है और वे अब अपनी मुर्गियों को तमिलनाडु में होने वाली सौंदर्य प्रतियोगिता में शामिल होने के लिए तैयार कर रहे हैं।
Sources: News18 हिंदी