बह ट्विटर खोलते ही जो सबसे पहली चीज नजर आई वो था एक कुत्ते का चेहरा! बहुत से लोग सबसे पहले भगवान, माता-पिता या सकारात्मक चीजें देखकर ही दिन की शुरुआत करना चाहते हैं, जानवरों को देखकर नहीं! ऐसे में इस कुत्ते को देखकर कई लोगों को हैरानी हुई होगी, कई निराश हुए होंगे, कई लोगों को गुस्सा आया होगा और डॉग लवर्स का तो दिन बन गया होगा। बेशक वो खुशी से फूले नहीं समा रहे होंगे! जो अभी-अभी सोकर उठ रहे हैं और इस बदलाव से अंजान हैं, उन्हें बता दें कि ट्विटर ने अपने पुराने लोगो, यानी नीली चिड़िया को उड़ा दिया है, और अब उसकी जगह कुत्ता बेहद वफादार बन गया है!
अगर आप भी सोच रहे हैं कि ये कोई टेक्निकल फॉल्ट है और बार-बार वेबसाइट को रीफ्रेश कर रहे हैं तो लोडिंग के दौरान भी आपको उसी कुत्ते का चेहरा नजर आ रहा होगा। सालों से लोगों को उसी नीली चिड़िया को देखने की आदत थी। पर अब जब वो उड़ गई है तो लोगों के मन में ये सवाल उठना भी लाजमी है कि आखिर ये कुत्ता है कौन जिसने ट्विटर पर अपनी दावेदारी साबित कर दी है।रिपोर्ट्स की मानें तो ये बदलाव 3 अप्रैल की देर रात ही कर दिया गया था।
फोटो में दिख रहे कुत्ते को क्रिप्टोकरेंसी डोजीकॉइन डॉग के तौर पर जाना जाता है। कुत्ते को लोगों ने मीम पर भी देखा है। आप सोच रहे होंगे कि एलन मस्क और डोजीकॉइन का क्या संबंध है। दरअसल, साल 2013 में कुत्ता वायरल हुआ था। डॉग कीस्पेलिंग को ‘Doge’ लिखा गया था और उसकी फोटो से मजेदार मीम बने थे। उसी साल दो प्रोग्रामर्स ने डोजीकॉइन लॉन्च किया और उसमें कुत्ते की फोटो लगाई। मस्क को मीम्स बहुत पसंद हैं। उन्होंने डोजी वाले मीम और इससे जुड़े क्रिप्टोकरेंसी को बहुत सपोर्ट किया जिससे इसके दाम बढ़ते रहे हैं। उन्होंने डोजी के इसी प्यार को ट्विटर पर भी दिखाया है और इसका फोटो इस्तेमाल किया है।
कौन है ट्विटर लोगो वाला कुत्ता?
अब सवाल ये उठता है कि आखिर ये कुत्ता है कौन? चलिए इसका भी जवाब आपको देते हैं। बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार इस कुत्ते का नाम काबोसू है जो 17 साल का है और पिछले साल क्रिससम के मौके पर ये बीमार पड़ गया था, उसके अंदर कैंसर डिटेक्ट हुआ था। हालांकि, फिर उसकी तबीयत स्थिर हो गई थी। तब काफी खबरें बन गई थीं। कुत्ता जापान में अपने मालिक अटसूको साटो के साथ रहता है। ये शीबू इनू प्रजाति का कुत्ता है। a-z-animals की रिपोर्ट के अनुसार ये कुत्ते प्राचीन काल से जापान में पाए जाते हैं। कई रिपोर्ट्स का मानना है कि ये 300 बीसी से मौजूद हैं। इन्हें काफी चतुर शिकारी माना जाता है।
Sources: News18 हिंदी