देहरादून: कांग्रेस के अन्दर रार थमने का नाम नहीं ले रही है। आये दिन आने वाले बयानों को देख सुनकर लगता है कि कांग्रेस में असंतुष्टों की लंबी लाईन है। भले ही कांग्रेस अपनी साख को बचाने का प्रयास कर रही है लेकिन राज्यों में कांग्रेस के हाल बेहाल ही हैं। का्रगेस के अंदर अनुशासन जैसी कोई वीज नहीं बची है भले ही पार्टी में अनुशासन समिति अपना काम कर रही है लेकिन अनुशासन की परिभाषा क्या है ये वो भी नहीं जानते।
बहरहाल इसी उठापटक में कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और चकराता विधायक प्रीतम सिंह का बयान आया है। उन्होंने एक बार फिर प्रभारी देवेंद्र यादव के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए कहा, देवेंद्र यादव अपने कृत्यों से पार्टी का हाल दिल्ली जैसा बना देना चाहते हैं। उन्होंने कटाक्ष किया, जिन्हें राजनीति का क ख नहीं पता, वह आज हमारे प्रभारी बने बैठे हैं।बीते दिनों पीसीसी की ओर से जिलाध्यक्षों के नामों सूची जारी होने के बाद कांग्रेस में लगातार हलचल मची हुई है।
जिलाध्यक्षों की नियुक्ति के सवाल पर उन्होंने ठीकरा प्रभारी देवेंद्र यादव के ऊपर फोड़ दिया। पीसीसी में मीडिया कर्मियों से बातचीत में कहा,राष्ट्रीय नेतृत्व की ओर से राज्यों में प्रभारियों की नियुक्ति इसलिए की जाती है कि वह समन्वय बनाने का काम करेंगे। लेकिन, यहां तो प्रभारी कुछ और ही काम कर रहे हैं। वह राष्ट्रीय नेतृत्व को भी दिग्भ्रमित करने का काम कर रहे हैं। विधानसभा चुनाव के बाद से प्रभारी गायब हैं।
अब दिल्ली में बैठकर तुगलकी फरमान जारी कर रहे हैं। कहा, उत्तराखंड में उनके कई फैसलों से कार्यकर्ताओं में आक्रोश है। कहा, उत्तराखंड में ऐसा प्रभारी भेजा जाना चाहिए जो राजनीतिक रूप से परिपक्व हो। उन्होंने कहा, ऐसे ही चलता रहा तो उत्तराखंड में भी कांग्रेस का हाल दिल्ली जैसा हो जाएगा।