देहरादून: चर्चा में आये भर्ती घोटाले ने उत्तराखण्ड की सरकार को परेशानी में डाल दिया था। लेकिन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सख्त कदम उठाते हुए इस घोटाले में शामिल माफियाओं को सलाखों के पीढे पहुंचा दिया था। वहीं इस मामले में संलिप्त अभयर्थियों पर भी सख्त कार्यवाही कर दी गई। आपको बता दें कि उत्तराखंड लोक सेवा आयोग ने उत्तराखंड जेई भर्ती के पेपर लीक में शामिल 61 अभ्यर्थियों पर पांच साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया है।
इतना ही नहीं सभी को फरवरी और मार्च में कारण बताओ नोटिस भेजे गए थे। कुछ ने जवाब दिया था,जबकि बाकी ने नहीं दिया था। अब ये सभी आयोग की किसी भी परीक्षा में हिस्सा नहीं ले सकेंगे।आयोग की पटवारी लेखपाल भर्ती परीक्षा में पेपर लीक होने के बाद नौ फरवरी को पुलिस ने आरोपी अभ्यर्थियों की सूची आयोग को भेजी। इसमें पटवारी लेखपाल भर्ती के 44 और जेई भर्ती के 12 ऐसे अभ्यर्थी थे, जो पेपर लीक के पुष्ट आरोपी थे।सूची को आयोग ने 10 फरवरी को अपनी वेबसाइट पर जारी करते हुए बताया कि द उत्तराखंड पब्लिक सर्विस कमीशन (प्रोसिजर एंड कंडक्ट ऑफ बिजनेस) रूल्स.2013 के बिंदु 23.ए के उप बिंदु 14 के तहत इन सभी को परीक्षाओं से पांच साल के लिए प्रतिबंधित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
इसके बाद आयोग को पुलिस ने जेई भर्ती परीक्षा पेपर लीक में शामिल 49 अभ्यर्थियों की सूची दी, जिसे आयोग ने दो मार्च को वेबसाइट पर जारी करते हुए बताया कि सभी को कारण बताओ नोटिस भेजकर परीक्षाओं से डिबार करने की प्रक्रिया चल रही है। पेपर लीक के आरोपी अभ्यर्थी जवाब नहीं दे रहे थे। आयोग ने सोमवार को बैठक बुलाई। बैठक के जेई भर्ती के पेपर लीक में शामिल सभी 61 अभ्यर्थियों को पांच साल के लिए परीक्षा से डिबार कर दिया गया।
आयोग के सचिव गिरधारी सिंह रावत ने बताया, ये सभी उम्मीदवार अब आयोग की किसी भी भर्ती परीक्षा में शामिल नहीं हो पाएंगे। वहीं पटवारी लेखपाल भर्ती पेपर लीक में शामिल पाए गए 44 उम्मीदवारों पर अभी आयोग ने फैसला नहीं लिया है। आयोग के सचिव जीएस रावत का कहना है कि उन सभी आरोपियों को भी कारण बताओ नोटिस जारी किए गए थे। अब दो दिन बाद उनको भी परीक्षा से डिबार करने पर फैसला लिया जाएगा।