हमारे आसपास कई ऐसी चीजें होती हैं जिनका गुण हमें पता ही नहीं होता। करौंदा ऐसा ही एक बेशकीमती फल है जो अमृत समान है। झाड़ी की तरह इसके पौधे हिमालय वेस्टर्न घाट, बिहार, बंगाल, महाराष्ट्र, कर्नाटक आदि राज्यों में उगते हैं।
करौंदा इतना औषधीय गुणों से भरपूर है कि इससे कैंसर जैसी बीमारी को भी रोका जा सकता है। कच्चा करौंदा हरा-पीला होता है लेकिन जैसे ही यह पकता है बहुत सुंदर गोल मटोल लाल रंग का हो जाता है। इंडियन काउंसिल ऑफ एग्रीकल्चर रिसर्च के मुताबिक करौंदा में प्रचूर मात्रा में आयरन, विटामिन सी और विटामिन बी पाया जाता है।
यह एंटीस्कॉरब्यूटिक होता है। यानी एनीमिया के इलाज में करौंदा बेहद फायदेमंद होता है। छाती के दर्द में भी करौंदा का इस्तेमाल किया जाता है। इंडियन हॉर्टिकल्चर रिसर्च के मुताबिक करौंदा की पत्तियां बुखार में रामबाण साबित हो सकता है। वहीं करौंदा की जड़ से छाती के दर्द का इलाज किया जाता है। करौंदा शुरू-शुरू में खट्टा होता है लेकिन पकने पर यह खट्टा-मीठा हो जाता है। करौंदा से जैम, जैली, स्क्वायश, सिरप, चटनी, अचार आदि बनाया जाता है।
करौंदा के फायदे
1।डाइजेशन में फायदेमंद-इंडियन एक्सप्रेस की खबर ने एक्सपर्ट के हवाले से बताया है कि करौंदा में सॉल्यूबल फाइबर पेट की लाइनिंग को स्मूथनिंग देता है जिससे डाइजेशन बेहतर होता है। करौंदा में पेक्टिन नाम का फाइबर होता है जो कॉन्स्टिपेशन, पेट दर्द, पेट में क्रैंप आदि को दूर करता है।
2। मेंटल हेल्थ में मददगार-करौंदा मेंटल हेल्थ के लिए भी फायदेमंद है। करौंदा में मैंग्नीशियम के साथ-साथ विटामिन और ट्रिप्टोफेन होता है जो न्यूरोट्रांसमीटर सेरोटोनिन के प्रोडक्शन को बढ़ा देता है जिससे ऑवरऑल मेंटल हेल्थ सही रहता है। यानी करौंदा का सेवन मूड को बेहतर बना सकता है।
3। एंटी-इंफ्लामेटरी-करौंदा में एंटी-इंफ्लामेटरी गुण होता है। यानी यह सूजन से संबंधित सभी समस्याओं में फायदेमंद होता है। इंफ्लामेशन के कारण कई क्रोनिक डिजीज होती है। हार्ट के मसल्स इंफ्लामेशन के कारण कमजोर होने लगते हैं। इंज्यूरी के दौरान घाव को भरने में एंटी-इंफ्लामेटरी चीजें फायदेमंद होता है।