पिथौरागढ़: पिथौरागढ़ की सबसे पुरानी एवं जीवंत साहित्यिक संस्था ज्ञान प्रकाश संस्कृत पुस्तकालय द्वारा युवा बाल साहित्यकार ललित शौर्य का सम्मान किया गया। पुस्तकालय सभागार में आयोजित कार्यक्रम में बड़ी संख्या में लेखक, साहित्यकार, बुद्धिजीवी वर्ग उपस्थित रहा।कार्यक्रम का शुभारंभ जिला पंचायत की अध्यक्ष दीपिका बोहरा ने दीप प्रज्वलन के साथ किया। कार्यक्रम में ललित शौर्य के व्यक्तित एवं कृतित्व पर विस्तार से प्रकाश डाला गया। कवियों ने शौर्य के कृतित्व पर केंद्रित कविताएं भी सुनाई।
जिला पंचायत अध्यक्ष ने कहा कि बच्चों के लिए बच्चा बनकर लिखना पड़ता है। उनके बालसुलभ मनोभावों को समझना पड़ता है। ललित शौर्य इस कार्य में निपुण हैं।उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर पिथौरागढ़ जनपद को विशेष सम्मान दिलाया है। शौर्य उत्तराखंड के युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत हैं। इनका लेखन और स्वभाव दोनों ही प्रशंसनीय है। इनकी पुस्तकें पाठ्यक्रम में आनी चाहिए।
ज्ञान प्रकाश संस्कृत पुस्तकालय के निदेशक डां पीताम्बर अवस्थी ने कहा कि ललित शौर्य उत्तराखंड के एकमात्र युवा बाल साहित्यकार हैं जो प्रचूर मात्रा में बाल साहित्य का सृजन कर रहे हैं। इनकी बाल कहानियां देश की सभी बड़ी पत्रिकाओं और अखबारों में स्थान पा रही है। उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान ने ललित को प्रतिष्ठित उमाकांत मालवीय बाल साहित्य सम्मान से नवाजा है। जो सीमांत के लिए गर्व का विषय है।
वरिष्ठ पत्रकार जुगल किशोर पांडेय ने कहा कि ललित शौर्य ने बाल साहित्य जगत में गहरी पैठ बना ली है। कम उम्र में ही आज राष्ट्रीय पटल पर उनका अच्छा नाम है। उनका मोबाईल नहीं पुस्तक दो अभियान प्रेरित करता है। शौर्य ने अभी तक विभिन्न संसाधनों से 25 हजार से अधिक बच्चों तक बाल साहित्य पहुंचा दिया है।
इस अवसर पर आभार प्रकट करते हुए ललित शौर्य ने कहा कि बाल साहित्य मेरी प्रिय विधा है। मेरा यह सम्मान सीमांत के युवाओं को समर्पित है। मैं भविष्य में भी निरन्तर बाल साहित्य के माध्यम से जन सरोकारों से जुड़ा रहूंगा। इस अवसर पर आप सभी का ऋणी एंव कृतज्ञ भाव से आभार व्यक्त करता हूँ।
इस अवसर पर नरेंद्र चंद, लक्ष्मी आर्या, आनंदी जोशी, डां तारा सिंह, मंजुला अवस्थी, नीरज जोशी, अनु जोशी, जयम लोहनी, पत्रकार दिनेश पंत समेत दर्जनों लोग उपस्थित थे।