हमको आपको भले ही गाली देना और सुनना अच्छा नहीं लगता हो लेकिन कई स्टडीज़ कहती हैं कि गाली देना इतना भी बुरा नहीं है, जितना हम समझते हैं। इससे किसी दूसरे का ब्लड प्रेशर भले ही हम बढ़ा देते हैं लेकिन गाली देने वाले की अपनी सेहत के लिए ये अच्छा है। न सिर्फ शारीरिक बल्कि मानसिक तौर पर भी ये उन्हें फिट रखता है।
गाली से होता है सेहत को फायदा
साल 2015 में एक स्टडी की गई थी, जिसमें लोगों को कुछ खास शब्द लिखने के लिए कहे गए। ये शब्द कुछ खास अक्षरों से लिखने थे, जिसके नतीजे में हमें शोधकर्ताओं को ऐसे-ऐसे शब्द मिले, जो ज्यादातर कसमों और बद्दुआओं से आते थे। कुछ पढ़े-लिखे लोगों ने बद्दुआ देने के लिए ऐसे शब्द चुने, जो काफी अलग थे, जो उनकी बुद्धिमत्ता को दिखाने वाला था। इसके अलावा न्यूजर्सी के कीन यूनिवर्सिटी की एक रिसर्च में बताया गया था कि जो लोग गाली देकर अपनी झल्लाहट को निकाल देते हैं, उनके दिमाग पर बोझ नहीं होता है और इससे उन्हें काफी फायदा होता है। इससे उम्र भी बढ़ती है और डिप्रेशन के चांस भी कम हो जाते हैं।
दिलचस्प था प्रयोग और मज़ेदार नतीजा
स्टडी में शामिल छात्रों के हाथ को बर्फ के पानी में डुबोकर रखा गया। रिसर्च में पाया गया कि जो छात्र इस दौरान गालियां दे रहे थे, वे इसे ज्यादा देर तक बर्दाश्त कर पाए क्योंकि उनका फ्रस्ट्रेशन गालियों से निकल रहा था। स्ट्रेस कम होने पर इंसान लंबी जिंदगी जीता है। स्टडी के दौरान पाया गया कि जो लोग गालियां नहीं दे रहे थे, वे जल्दी हार गए। नतीजे के मुताबिक है और ये उनके मानसिक स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है। जब दिमाग दुरुस्त रहेगा तो ज़िंदगी भी लंबी होगी।
Sources:AjabGajab News18