अफ्रीका की एक बर्बर जेल धरती का नरक है,जहां लोग एक मील दूर तक इसकी दीवारों के अंदर लाशों के सड़ते मांस की दुर्गंध को सूंघ सकते हैं, दुनिया की सबसे घातक जेलों में से एक गीतारामा जेल, रवांडा की राजधानी किगाली में स्थित है। इस जेल के कैदियों को जिंदा रहने के लिए अन्य कैदियों की सड़ती लाशें खाने के लिए मजबूर किया जाता है।
डेलीस्टार की रिपोर्ट के अनुसार. बलात्कारी, लुटेरे और हत्यारे जैसे खतरनाक क्रिमिनल्स इस जेल की गंदी और भीड़भाड़ वाली दीवारों के अंदर रहते हैं। यह आशंका है कि यहां बंद कुछ कैदी पूरी तरह से निर्दोष हो सकते हैं। 1960 में इसे ब्रिटिश मजदूरों के आवास के रूप में बनाया गया था। बाद में इसे उस समय लगभग 400 कैदियों को रखने के लिए डिजाइन की गई जेल में बदल दिया गया।
जेल में कैद हैं क्षमता से अधिक कैदी
वर्तमान में इस जेल की क्षमता 1300 और 3000 के बीच बताई जाती है। इसके बाद बावजूद इस जेल में 8,000 से अधिक कैदी अंदर फंसे हुए हैं। जगह की कमी के कारण कैदियों के पास अक्सर खड़े रहने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचता है। कहा जाता है कि आज भी इस जेल के अंदर से मल और सड़ते मांस की दुर्गंध मीलों दूर तक सूंघी जा सकती है।
रिपोर्ट्स में कहा गया है कि खराब हालात के कारण गीतारामा जेल में एक दिन में कई कैदियों की मौत हो सकती है। यह भी बताया गया है कि वहां कोई सीवर सिस्टम नहीं है, जिसका मतलब है कि कैदियों को अपने मल में होकर नंगे पैर चलना होगा। कैदियों को कोई मेडिकल सुविधा भी नहीं मिलती है, जिसके चलते बीमारियां हर दिन उनकी जान ले लेती हैं।
ह्यूमन राइट्स ऑर्गेनाइजेशंस ने दशकों से जेल के अंदर की खराब हालातों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया है, लेकिन स्थितियों में सुधार करने में सफल नहीं हो सके हैं। स्विट्जरलैंड स्थित ‘ इंटरनेशनल ब्रिजेज टू जस्टिस ’एक ऐसा संगठन है, जिसने जेल के अंदर बंदियों के साथ होने वाले बर्बर व्यवहार को खत्म करने के लिए अभियान चलाया। फिर भी जेल के अंदर हालात बद से बदतर हैं।
Sources:News18