देहरादून: उत्तराखंड की पांचों लोकसभा सीटों पर मतदान फीसद के जो रुझान आ रहे हैं, उससे सियासी दलों के साथ उम्मीदवारों की नींद हराम हो गई है। आपको बता दें कि प्रचार और मतदान के प्रति जागरूकता की लाख कोशिशों के बावजूद भी उत्तराखंड का मतदाता बड़ी संख्या में अपने घरों से बाहर नहीं निकला। इसका नतीजा यह हुआ कि लोकसभा चुनाव में 56ः प्रतिशत मतदाताओं ने ही अपने मताधिकार का प्रयोग किया।
आपको जैसा कि मालूम है कि 2019 के लोस चुनाव में पांचों सीटों पर 58.01 प्रतिशत वोट पड़े थे। ऐस में तमाम कोशिशों के बाद भी 75 प्रतिशत का लक्ष्य काफी दूर रह गया। चुनाव आयोग ने उत्तराखंड में इस बार 75 प्रतिशत मतदान का लक्ष्य रखा था। 2019 में 61.88 प्रतिशत मतदान हुआ था, लेकिन इस बार पांचों सीटों पर मतदान 60 प्रतिशत का लक्ष्य भी पूरा नहीं हो पाया।
खुशुनमा मौसम के बीच सुबह सात बजे जब मतदान शुरू हुआ तो राजनीतिक दल, उम्मीदवार और चुनाव आयोग की टीम मतदेय स्थलों पर मतदाताओं की जुटती भीड़ को देख उत्साहित थे, लेकिन यह उत्साह 11 बजे के बाद काफूर हो गया। तीन और पांच बजे मतदान के जो आंकड़े आए, उसने उम्मीदवारों की भी बेचैनी बढ़ा दी है।