देहरादून: लोकसभा चुनाव में व्यस्त रहने के बाद राज्य की समस्याओं को लेकर मुख्यमंत्री अलर्ट मोड में आ गए । करीब एक माह से ज्यादा चुनाव तैयारी का बहाना लेकर जनता की समस्याओं को नजरअन्दाज कर रहे अधिकारियों में अफरातफरी मच गई है। जैसा कि आपको मालूम ही है कि जंगल इस वक्त आग से धधक रहे हैं। मुख्यमंत्री धामी ने कुमाऊं भ्रमण से देहरादून पहुंचते ही सबसे पहले जंगलों की आग की रोकथाम को लेकर शासकीय आवास में इसकी रोकथाम से जुड़े राज्य, जिला स्तरीय अधिकारियों एवं एजेंसियों के साथ बैठक ली।
वहीं मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि गर्मियों के चार माह वनाग्नि की घटनाओं के कारण राज्य के लिए बड़े चुनौती वाले हैं। ऐसे में राज्य से लेकर जिला स्तर पर नोडल अफसर माइक्रोप्लान बनाकर अभी से वनागिन रोकथाम की योजना पर प्रभावी ढंग से काम करना शुरु कर दें। अधिकारी प्राथमिकता में ये तय कर लें कि पहले तो वनाग्नि की कोई घटना न घटे, यदि कहीं सूचना मिलती तो तत्काल जिम्मेदारी के साथ रोकथाम के कदम उठाएं। मुख्यमंत्री ने ये भी निर्देश दिए कि सभी जिलों में प्रभारी वनाधिकारी के स्तर पर नोडल अधिकारी नामित किए जाएं।
इसके अलावा हेल्पलाइन नम्बर तथा टोल फ्री नंबर जारी कर, उनका व्यापक प्रचार-प्रसार करते हुए लोगों में जागरूकता लाई जाये। इसी के साथ मुख्यमंत्री धामी ने निर्देश दिये कि वनाग्नि की रोकथाम के लिए वन विभाग, एजेंसी के साथ ही स्थानीय लोगों, जन.प्रतिनिधियों, वन पंचायतों आदि का भी सहयोग लें। आलम ये है कि मुख्यमंत्री के एक्शन में आने से सुस्त गति से काम करने वाले अधिकारी खासे असहज दिख रहे हैं। मुख्यमंत्री ने साफ कहा कि जनता की हर समस्या का निदान समय पर करें। इसमें किसी भी तरह की कोताही बर्दाश्त नहीं होगी। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि वो बैठक में पूरी तैयारी के साथ आएं और अधीनस्थों को भी चुनावी व्यस्तता से बाहर लाकर रूटीन के काम मे जुटने के निर्देश दें।