पिथौरागढ़: स्वास्थ्य और शिक्षा की दृष्टि से मॉडल गांव बनाए जाने के लिए मुनस्यारी विकासखंड के 14 गांवों का चयन कर लिया गया है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, शिक्षा विभाग, महिला एवं बाल कल्याण विभाग और वन विभाग सहित विभिन्न विभागों की मदद से इन गांवों को स्वास्थ्य और शिक्षा की दृष्टि से मॉडल बनाया जाएगा। इसके लिए कार्य योजना बनाने के लिए जल्द ही नाचनी और मुनस्यारी में एक.एक दिन की कार्यशाला की जाएगी। चीन सीमा से लगे विकास खंड के 14 गांवों को स्वास्थ्य शिक्षा की दृष्टि से मॉडल गांव बनाने की के लिए 14 मार्च 2024 को सामुदायिक स्वास्थ्य मुनस्यारी में अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ0 कुंदन कुमार की मौजूदगी में बैठक हुई थी।
इसमें जिला पंचायत सदस्य जगत मर्तोलिया की पहल पर विकासखंड के 14 गांव को मॉडल गांव बनाए जाने के प्रस्ताव पर चर्चा की गई थी। विकासखंड में तैनात एएनएम, सीएचओ, आशा फैसिलेटर, आशा कार्यकर्ता और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के सहयोग से 14 गांवों का चयन कर लिया गया है। मुनस्यारी के जिन गांवों का माडल गांव के रूप में चयन किया गया है उनमे धामी फल्याटी, भकुंडा, गोला, बुई, धुरातोली, टांगा, दरकोट, तोमिक, खेतभराड़, बेडूमहर, तल्ला समकोट, डूंगरी, चामी भैंसकोट और माजकोट गांव का चयन किया गया है।
इन गांव में विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से स्वास्थ्य जागरूकता के लिए कार्य किया जाएगा। मुनस्यारी के जिन 14 गांवों का चयन किया गया इससे पहले इन गांव की कुल जनसंख्या जिसमें महिला और बच्चों की संख्या की अलग से गणना की गई है। परिवारों में क्षय रोग के रोगियों और कुपोषण के शिकार बच्चों की भी गणना की गई है। इन गांवों में रहने वाली महिलाओं की स्वास्थ्य जांच पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। एनीमिया के शिकार महिलाओं की सूची भी अलग से बनाई गई है। बालिकाओं के स्वास्थ्य पर शुरू से ही ध्यान दिया जाएगा। सबसे बड़ी बात यह है कि इस गांव के हर व्यक्ति के स्वास्थ्य का डाटा बैंक उस व्यक्ति के पास हमेशा मौजूद रहेगा।