नई दिल्ली: 18वीं लोकसभा के पहले सत्र से कुछ दिन पहले, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने ओडिशा से सात बार के सांसद भर्तृहरि महताब को लोकसभा का प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया है। इसके बाद राजनीतिक विवाद शुरू हो गया। कांग्रेस ने इसे परंपरा के खिलाफ कहा है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि परंपरा और परिपाटी के अनुसार, अधिकतम कार्यकाल पूरा करने वाले सांसद को प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया जाता है। इसलिए जो किया गया है वह परंपरा के खिलाफ है।’ उन्होंने कहा कि 18वीं लोकसभा में, कांग्रेस के कोडिकुन्निल सुरेश और वीरेंद्र कुमार (भाजपा) दोनों अब अपना 8 वां कार्यकाल पूरा कर रहे हैं।
कांग्रेस नेता ने कहा कि वीरेंद्र कुमार अब मंत्री हैं। ऐसे में उम्मीद थी कि के सुरेश को प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया जाएगा, लेकिन बीजेपी के भर्तृहरि महताब को नियुक्त किया गया। उन्होंने कहा कि वे (बीजेपी) ‘बुलडोजर की राजनीति’ की मानसिकता से उबर नहीं पाए हैं। वह (पीएम मोदी) अब ‘ श्री 400’ नहीं बल्कि ‘श्री 240’ हैं। मुझे भी लगता है कि पीएम मोदी दलितों के खिलाफ हैं। उन्होंने कहा कि के सुरेश दलित हैं।
हर कोई सोच रहा था कि के सुरेश प्रोटेम स्पीकर होंगे…. हमें संविधान के आधार पर 2024 का जनादेश मिला है। उन्होंने कहा कि वे संविधान बदलना चाहते थे..इसलिए हम कह रहे हैं कि वे दलित विरोधी हैं। भर्तृहरि महताब को प्रोटेम स्पीकर बनाकर संविधान का अपमान किया गया है।आपको बता दें कि सात बार के लोकसभा सदस्य भर्तृहरि महताब को निचले सदन का प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया गया। यह घोषणा संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने की। प्रोटेम स्पीकर आम चुनावों के बाद संसद के निचले सदन की पहली बैठक की अध्यक्षता करता है, इसके अलावा उस बैठक की अध्यक्षता करता है जिसमें अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का चुनाव किया जाता है।
चुनाव से पहले बीजद से भाजपा में आए भर्तृहरि महताब को प्रोटेम स्पीकर पद के लिए ओडिशा में भाजपा के मजबूत चुनावी प्रदर्शन के बाद चुना गया है।महताब को अध्यक्ष के चुनाव तक लोकसभा पीठासीन अधिकारी के कर्तव्यों का पालन करने के लिए संविधान के अनुच्छेद 95(1) के तहत राष्ट्रपति मुर्मू द्वारा अस्थायी अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया है। महताब, जिन्होंने 25 वर्षों से अधिक समय तक संसद सदस्य के रूप में कार्य किया है, डॉ0 हरेकृष्ण महताब के पुत्र हैं, जो भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सदस्य थे और 1947 में स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। डॉ0 हरेकृष्ण महताब दो कार्यकाल के लिए ओडिशा के मुख्यमंत्री भी रहे।