मणिपुर में हिंसा रूकने का नाम नहीं ले रही है। ंिहसा का आलम ये है कि हल ही में ताजा हिंसा के मामले सामने आये है। देखी गई जब चरमपंथियों ने हाई-टेक ड्रोन का उपयोग करके दो लोगों की हत्या कर दी और दो पुलिस कर्मियों और एक टेलीविजन पत्रकार सहित नौ अन्य को घायल कर दिया। पुलिस के अनुसार, दोपहर 2ः30 बजे मैतेई.प्रभुत्व वाले इम्फाल पश्चिम जिले के कौट्रुक और कडांगबंद गांवों में गोलीबारी और बमबारी शुरू हुई, जो कुकी-बहुल पहाड़ी जिले कांगपोकपी से जुड़ा हुआ है। सूर्यास्त के बाद कुछ घरों में आग भी लगा दी गई।
मृतक और घायल उनमें से सात मैतेई समुदाय के हैं। सभी घायलों का अस्पताल में इलाज चल रहा है। घटना के बाद, इंफाल पश्चिम के जिला मजिस्ट्रेट टीएच किरणकुमार ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 163 के तहत 1 सितंबर की शाम 7 बजे से ‘अगली सूचना तक’ प्रतिबंध लगाने का आदेश जारी किया। एक बयान में, राज्य सरकार ने कहा कि उसे निहत्थे ग्रामीणों पर हमले के बारे में पता चला, जिसे कथित तौर पर कुकी आतंकवादियों ने ‘ ड्रोन, बम और कई अत्याधुनिक हथियारों’ का उपयोग करके अंजाम दिया था।
पुलिस के अधिकारी ने बताया कि उग्रवादियों ने खाली पड़े पांच घरों में आग लगा दी। रविवार को दोपहर ढाई बजे शुरू हुई गोलीबारी और बम हमले के बाद निवासी अपने मकान छोड़कर चले गए थे। रविवार रात सुरक्षा बलों ने उग्रवादियों को खदेड़ दिया।’’ संदिग्ध उग्रवादियों ने एक सितंबर को क्षेत्र में लोगों पर हमला शुरू किया था जिसमें एक महिला समेत दो लोग मारे गए और नौ अन्य घायल हो गए। पिछले साल मई में मणिपुर में जातीय हिंसा भड़कने के बाद से कौत्रुक में कई हमले हुए हैं।
कौत्रुक राजधानी इंफाल से करीब 18 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। पुलिस ने बताया कि रविवार को संदिग्ध उग्रवादियों के हमले के कारण निवासियों के बीच दहशत फैल गई, जिसकी वजह से महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों को सुरक्षित स्थान पर शरण लेनी पड़ी। मणिपुर पुलिस ने दावा किया कि हमले में रॉकेट चालित ग्रेनेड (आरपीजी) और ड्रोन का इस्तेमाल किया गया है। बयान में कहा गया है कि तकनीकी विशेषज्ञता वाले उच्च प्रशिक्षित पेशेवरों की संलिप्तता एवं सहयोग की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है।