कोलकाता: आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में पिछले महीने बलात्कार और हत्या की शिकार हुई कोलकाता की प्रशिक्षु डॉक्टर के परिवार ने पुलिस पर मामले से जुड़े सबूतों को दबाने का आरोप लगाया है। डॉक्टर के पिता और चाची जादवपुर इलाके में चल रहे विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए और पुलिस के खिलाफ नए दावे किये। प्रदर्शनकारियों की एक सभा को संबोधित करते हुए प्रशिक्षु डॉक्टर की चाची ने कहा, ‘पुलिस और प्रशासन घटना को दबाने की कोशिश कर रहे हैं। वे हमेशा सबूतों को दबाने के लिए क्यों तैयार रहते हैं? उसके माता-पिता शव को देखने के लिए तीन से चार घंटे तक इंतजार करते रहे। उन्हें उस कमरे (सेमिनार हॉल) में जाने की अनुमति नहीं दी गई।’ उन्होंने सवाल किया ‘सैकड़ों लोग कमरे से बाहर आये और गये। लेकिन उन्हें अंदर जाने की अनुमति नहीं दी गई। इस जघन्य घटना को एक महीना हो गया है। सब कुछ जल्दबाजी में क्यों किया गया? अगर पुलिस और प्रशासन ऐसा कर रहे हैं, तो हम किससे संपर्क करेंगे?’ चाची ने कहा कि वह हमेशा प्रदर्शनकारी जूनियर डॉक्टरों का समर्थन करेंगी और उनसे तथा अन्य लोगों से आग्रह किया कि वे प्रशिक्षु डॉक्टर के लिए न्याय सुनिश्चित होने तक अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखें।
दूसरी ओर, पीड़िता के पिता ने कहा कि उनकी बेटी की मौत ने उनके परिवार को तोड़कर रख दिया है। मंच पर मौजूद कुछ लोगों द्वारा सांत्वना दिए जाने पर पिता ने कहा, ‘उस घटना ने सब कुछ खत्म कर दिया। एक दिन में ही हमारी जिंदगी और सपने बिखर गए।’ अपने आंसुओं को रोकते हुए प्रशिक्षु डॉक्टर के पिता ने उम्मीद जताई कि उन्हें अपनी बेटी के लिए न्याय की मांग कर रहे जूनियर डॉक्टरों से समर्थन मिलता रहेगा। उन्होने कहा- ‘कृपया समाधान तक पहुंचने तक मेरे साथ खड़े रहें। हम आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के डॉक्टरों के साथ हैं। आपकी आवाज ने मुझे अंदर से मजबूत किया है। इस घटना के बाद मैं टूट गया था,‘उन्होंने भीड़ से श्हमें न्याय चाहिए’। प्रशिक्षु डॉक्टर का अर्धनग्न शव 9 अगस्त को अस्पताल के सेमिनार हॉल में मिला था, जिसके बाद कोलकाता और पूरे देश में विरोध प्रदर्शन हुए थे।
बाद में पोस्टमार्टम से पुष्टि हुई कि उसके साथ बलात्कार किया गया और उसकी हत्या की गई। अगले दिन, कोलकाता पुलिस के एक सिविल स्वयं सेवक संजय रॉय को इस मामले में गिरफ्तार किया गया। वह फिलहाल न्यायिक हिरासत में है। सीबीआई ने पिछले महीने कोलकाता पुलिस से मामले को अपने हाथ में ले लिया था। इससे पहले, आजतक बांग्ला के साथ एक साक्षात्कार के दौरान, प्रशिक्षु डॉक्टर के माता-पिता ने सवाल किया कि उन्हें अस्पताल में अपनी बेटी का शव क्यों नहीं देखने दिया गया। पीड़िता की मां ने कहा, ‘वे कुछ छिपा रहे थे और हमारी बेटी का शव नहीं दिखाया। हमारी बेटी का चेहरा दिखाने में उन्हें चार घंटे क्यों लगे? वे क्या छिपा रहे थे? वे उसके शव को ठिकाने लगाने की जल्दी में थे।’ उन्होंने आरोप लगाया कि आरोपी संजय रॉय को किसी ने उनकी बेटी को मारने के लिए तैनात किया था क्योंकि वह आरजी कर अस्पताल के कामकाज से जुड़े ‘कुछ काले रहस्यों’ को जानती थी।