सरकार ने सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां) अधिनियम (अफस्पा) को छह महीने के लिए बढ़ा दिया है। कानून.व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा के बाद सशस्त्र बल (विशेषाधिकार) अधिनियम (अफस्पा) और छह महीने के लिए बढ़ा दिया गया है। नागालैंड के आठ जिलों, अरुणाचल प्रदेश के तीन जिलों और कुछ अन्य क्षेत्रों में लागू है। यह निर्णय इन पूर्वोत्तर राज्यों में कानून और व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा के बाद लिया गया है।
बता दें कि सशस्त्र बल विशेषाधिकार कानून, 1958 (अफस्पा) के तहत केंद्र सरकार राज्यपाल की रिपोर्ट के आधार पर किसी राज्य या क्षेत्र को अशांत घोषित कर वहां केंद्रीय सुरक्षा बलों को तैनात करती है। अफस्पा के तहत सशस्त्र बलों को कहीं भी अभियान चलाने और बिना पूर्व वारंट के किसी को भी गिरफ्तार करने का अधिकार प्राप्त है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक अधिसूचना जारी कर कहा कि नागालैंड के पांच अन्य जिलों के जिलों और 21 पुलिस स्टेशनों को 1 अक्टूबर 2024 से अफस्पा के तहत अशांत क्षेत्रों के रूप में वर्गीकृत किया जाएगा, जब तक कि इसे पहले वापस नहीं ले लिया जाता।
जारी अधिसूचना के अनुसार, नागालैंड के जिन जिलों में अफस्पा लागू है उनमें दीमापुर, निउलैंड, चुमाउकेदिमा, मोन, किफिर, नोकलाक, फेक और पेरेन शामिल हैं।नागालैंड में कोहिमा जिले के खुजामा, कोहिमा उत्तर, कोहिमा दक्षिण, जुब्जा और केजोचा पुलिस स्टेशनों के अधिकार क्षेत्र में आने वाले क्षेत्र, मोकोकचुंग जिले के मंगकोलेम्बा, मोकोकचुंग, लोंगथो, तुली, लोंगचेम और अनाकी ‘सी’ पुलिस स्टेशन, लोंगलेंग जिले के यांगलोक पुलिस स्टेशन को भी ‘अशांत’ घोषित किया गया है।