आगरा: चंद रुपयों की खातिर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने कुपोषित बच्चों के मुंह से पुष्टाहार का निवाला छीन लिया और अफसर आंखें मूंदे रहे और पुष्टाहार बाजार में बिकता रहा। मुनाफाखोर जेब भरते रहे। गभर्वती व धात्री महिलाओं का हक भी डकार गए। यह सब हुआ महिला एवं बाल विकास, पुष्टाहार मंत्री के गृह जनपद में, जहां खाद्यान्न वितरण में घोटाला सामने आया है। इस घोटाले की गूंज शासन तक है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
अब एक-एक लाभार्थी का सत्यापन होगा। चार हजार आंगनबाड़ी केंद्रों पर 3.50 लाख लाभार्थी हैं। प्राथमिक जांच में सुपरवाइजर सहित 17 आंगनबाड़ी कार्यकर्ता निलंबित हो चुकी हैं। डीएम ने बताया कि भविष्य में कोई गड़बड़ी न हो इसके लिए कार्ययोजना भी बनाई जाएगी। उधर, पुलिस की जांच में अब तक एक दर्जन केंद्रों पर वितरण में गड़बड़ी मिली है। इन केंद्रों की आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने रजिस्टर में फर्जी वितरण दिखाकर पुष्टाहार का गबन किया है। मुख्य विकास अधिकारी प्रतिभा सिंह का कहना है कि मामले की जांच कराई जा रही है।
दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई होगी।जिन बच्चों में वजन कम है। शारीरिक कमजोरी है। जल्दी थकान, बार-बार संक्रमण और खून की कमी है। ऐसे बच्चों को कुपोषित मानकर उन्हें स्वस्थ बनाने के लिए कुपोषण के खिलाफ सरकार जंग लड़ रही है। जिसके लिए उन्हें हर 1 से 1.50 किलो दलिया, 1 से 2 किलो चना दाल व आधा लीटर रिफाइंड बांटा जाता है। डायटीशियन आरती गुप्ता के अनुसार कुपोषित बच्चों के लिए पौष्टिक आहार में घी, फल व दूध-दही के अलावा हरी सब्जियां व मेवा जरूरी हैं।
ऐसे बच्चों को नियमित स्वास्थ्य जांच व उचित देखभाल से कुपोषण मुक्त किया जा सकता है। महिला एवं बाल विकास पुष्टाहार मंत्री बेबीरानी मौर्य ने बताया कि गरीब बच्चों के पुष्टाहार वितरण में जो गड़बड़ी सामने आई है, इस मामले में किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। यह बहुत घृणित कार्य हुआ है। दोषी जेल जाएंगे, विभागीय अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई होगी। नेफेड की सप्लाई की जांच होगी। भविष्य में पुनरावृत्ति न हो इसके लिए ठोस कार्ययोजना बनाई जा रही है।
Sources: Amarujala