दशकों तक पाकिस्तान ने अपने फायदे के लिए आतंकवाद को हवा दी। लेकिन अब वहीं आग उसके घर तक पहुंच गई है। अफगानिस्तान के साथ उसके रिश्तों में दरार बढ़ती जा रही है। हालिया एयर स्ट्राइक ने इस जंग को और भड़का दिया। दरअसल, हाल ही में पाकिस्तान ने अफगानिस्तान के अंदर एयरस्ट्राइक की। रिपोर्ट के अनुसार हमले में 40 से अधिक लोग मारे गए। जिनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे। इस हमले ने अफगानिस्तान के तालिबान शासकों को भी नाराज कर दिया। तालिबान ने पाकिस्तान की इस कार्रवाई को एकतरफा और अनैतिक करार दिया। तालिबान के प्रवक्ता ने कहा कि पाकिस्तान को ये नहीं भूलना चाहिए कि अफगानिस्तान ने कभी भी बाहरी हमलों को सहन नहीं किया है।
हमने अमेरिका जैसी महाशक्तियों को पराजित किया है तो पाकिस्तान की औकात ही क्या है ? आपको बता दें कि पाकिस्तान की सबसे कमजोर नस पर कई बार तालिबान चोट भी पहुंचा चुका है। डोरंड लाइन वो सीमा जो अफगानिस्तान और पाकिस्तान को अलग अलग करती है। ये लाइन हमेशा से विवादित रही है और तालिबान इसे मान्यता नहीं देता है। तालिबान का कहना है कि ये क्षेत्र ऐतिहासिक रूप से अफगानिस्तान का हिस्सा रहा है। पाकिस्तान को अब डर है कि तालिबान इस मुद्दे को भूनाकर ग्रेटर अफगानिस्तान बनाने की कोशिश कर सकता है। अफगानिस्तान सरकार से की गई शिकायतों के बावजूद टीटीपी आतंकवादी लगातार पाकिस्तान में आतंक फैला रहे हैं।
पाकिस्तान ने अफगानिस्तान के सामने कुछ ठोस सबूत भी पेश किए थे। लेकिन अब तक कोई पॉजिटिव डेवलपमेंट नहीं हुआ। हमलों का इरादा अफगान तालिबान के नजदीकी ठिकानों को निशाना बनाना था। हालिया आतंकवादी गतिविधियों के कनेक्शन अफगानिस्तान में आतंकवादी ठिकानों से जुड़े हुए हैं। अफगान तालिबान ने टीटीपी यानी पाकिस्तानी तालिबान के लड़ाकों को शरण दी है, जो पाकिस्तान में आतंकवादी हमलों में शामिल हैं। पाकिस्तान ने तालिबान से टीटीपी आतंकवादियों को शरण देने का आरोप जरूर लगा रहा है, लेकिन तालिबान इसे सिरे से नकारता रहा है। पाकिस्तानी एयरस्ट्राइक मे मारे गए लोगों में ज्यादातर वैसे वजिरिस्तान शरणार्थी थे जो पाकिस्तान में सैन्य कार्यवाही से भागकर अफगानिस्तान आए थे। आपको बता दें कि अफगानिस्तान पर ये हमला पाकिस्तान से लगने वाली सीमा के पास पख्तिका की पहाड़ी इलाकों में किया गया। हालांकि पाकिस्तान ने अब तक ये नहीं बताया कि पाकिस्तानी जेट्स सीमा पार करके अफगानिस्तान गए थे या नहीं। सच चाहे जो हो लेकिन सीधी बात ये है कि तालिबान से सीधी टक्कर लेना पाकिस्तान के लिए किसी बड़े खतरे की घंटी के समान है।
Sources:Prabha Shakshi Samachaar