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देहरादून। नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा, सरकार का मकसद सिर्फ बजट पारित करना है। राज्य के विकास व जनहित से जुड़े मुद्दों पर सरकार सदन में चर्चा नहीं करना चाहती है। इसी कारण सत्र की अवधि लगातार कम की जा रही है लेकिन विपक्ष ऐसा नहीं होने देगा। नेता प्रतिपक्ष ने कहा, विपक्ष की सरकार से यही मांग है कि सत्र की अवधि बढ़ाई जाए। इससे पक्ष व विपक्ष के विधायक अपने क्षेत्र के मुद्दों को सदन में उठा सकेंगे। कार्यमंत्रणा की बैठक में विपक्ष की ओर से कम से कम दो सप्ताह तक सत्र संचालित करने का आग्रह किया।
सरकार संख्या बल के आधार पर एजेंडा तय कर रही है। सरकार की मंशा बजट सत्र को तीन से चार दिन चलाने की है। ऐसे में विधायक अपने क्षेत्र के लोगों की समस्याओं को नहीं उठा पाएंगे। कांग्रेस की ओर से सत्र की अवधि बढ़ाने के लिए सदन से सड़क तक विरोध किया जाएगा। नेता प्रतिपक्ष आर्य ने कहा, राज्यपाल का अभिभाषण सरकार का दस्तावेज व रोडमैप होता है। लेकिन, अभिभाषण में पलायन, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाओं की समस्याओं व आपदा की चुनौतियों से निपटने के लिए कोई विजन नहीं है। विपक्ष की ओर से सदन में भू-कानून, स्मार्ट मीटर, गन्ना किसानों का भुगतान, आपदा प्रभावितों के पुनर्वास, स्वास्थ्य, शिक्षा के क्षेत्र के मुद्दों को सदन में उठाया जाएगा।
निर्दलीय विधायक उमेश कुमार ने कहा, मूल निवास और भू-कानून लागू किया जाना चाहिए। इस संबंध में वह मुख्यमंत्री को पत्र लिख चुके हैं। विधायक ने कहा, उत्तराखंड में माफिया से जमीन बचती है और लूट-खसोट नहीं होती तो भू-कानून को लागू किया जाना चाहिए। इसके अलावा मूल निवास को भी लागू किया जाए। राज्य के लोगों की जनभावना के अनुरूप काम होना चाहिए। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, उन पर 19 नहीं मात्र तीन मुकदमे हैं। दुबई जाने के लिए उन्होंने कोर्ट से अनुमति ली थी।