
( सुनील कुमार माथुर )
जोधपुर: जोधपुरी साफा गर्व एवं शौर्य का प्रतीक है। साफा बांधना भी एक कला है जिसे वर्तमान में सभी युवाओं को सीख कर अपनी संस्कृति को आगे बढाना चाहिए। राजस्थान हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश एवं राज्य मानवाधिकार आयोग के पूर्व अध्यक्ष जस्टिस गोपाल कृष्ण व्यास ने भूतनाथ मंदिर के पार्क में पुष्करणा सृजन सोसायटी एवं पुष्करणा चिंतन की ओर से आयोजित चार दिवसीय निःशुल्क साफा प्रशिक्षण शिविर के समापन अवसर पर यह विचार व्यक्त किये।
पूर्व जस्टिस व्यास ने कहा कि आज के युग में हर समाज को अपनी संस्कृति और परंपराओं से जुड़े रहने की आवश्यकता है। पाश्चात्य संस्कृति एवं सोशल मीडिया के दौर में लोग अपनी संस्कृति और संस्कारों से कट रहे हैं जबकि सोशल मीडिया के जरिए इसे बनाए रखने की जरूरत है । उन्होंने पुष्करणा सृजन सोसायटी का आभार जताया कि आधुनिक ग्लैमर के दौर में भी ऐसे शिविर आयोजित कर संस्कृति की पहचान बनाए रखने के उनके प्रयास सराहनीय है।