
नई दिल्ली : पहलगाम में हुए जघन्य आतंकवादी हमले में 26 निर्दोष लोगों की जान जाने के दो दिन बाद कांग्रेस कार्यसमिति (CWC) ने एक आपात बैठक बुलाकर इस त्रासदी पर गहरा शोक व्यक्त किया और एक तीखा प्रस्ताव पारित किया। कांग्रेस ने आतंकियों द्वारा हिंदुओं को जानबूझकर निशाना बनाए जाने की कड़ी निंदा की और केंद्र सरकार को सुरक्षा व खुफिया तंत्र की विफलता के लिए जिम्मेदार ठहराया।
CWC ने अपने प्रस्ताव में स्पष्ट किया कि यह हमला न केवल एक सुरक्षा चूक है, बल्कि इससे देश की एकता और शांति को खतरा पहुंचाने की कोशिश की गई है। प्रस्ताव में कहा गया, “हम इस गंभीर उकसावे के बावजूद शांति की अपील करते हैं और आतंक के सामने झुकने से इनकार करते हैं।”
कांग्रेस नेताओं ने इस बात पर भी चिंता जताई कि हमला उस क्षेत्र में हुआ जहां हमेशा तीन-स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था रहती है। उन्होंने मांग की कि अमरनाथ यात्रा जैसे संवेदनशील धार्मिक आयोजनों के दौरान श्रद्धालुओं की सुरक्षा को राष्ट्रीय प्राथमिकता दी जानी चाहिए और इसके लिए एक मजबूत, पारदर्शी और सक्रिय तंत्र लागू हो।
CWC ने पाकिस्तान को इस हमले की साजिश का जिम्मेदार ठहराया और आरोप लगाया कि भाजपा इस त्रासदी का राजनीतिक लाभ उठाकर देश में ध्रुवीकरण फैलाने की कोशिश कर रही है। पार्टी ने सभी नागरिकों से एकजुट रहने और सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने की अपील की।
बैठक की अध्यक्षता कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने की, जिसमें सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा, के. सी. वेणुगोपाल और अन्य वरिष्ठ नेता उपस्थित रहे। बैठक की शुरुआत एक मिनट के मौन से की गई, जिसमें हमले के पीड़ितों को श्रद्धांजलि दी गई।कांग्रेस ने घोषणा की कि पार्टी 25 अप्रैल को पूरे देश में शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए कैंडल मार्च आयोजित करेगी।